प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के शेखपुरा की एक महिला जिलाधिकारी की सराहना की है. जिस महिला डीएम को पीएम से सराहना मिली हैं उनका नाम है इनायत खान l जिसकी गिनती बिहार के पिछड़े जिलों में होती है. दरअसल देश के जिन 113 जिलों में आकांक्षा योजना चल रही है उसमें बिहार के शेखपुरा जिले में भी इस दिशा में काफी बेहतर काम हुआ है.
जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की
प्रधानमंत्री ने माना कि युवा जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा बेहतर काम करने से ही बिहार के शेखपुरा जिले में यह बदलाव सामने आया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश के आकांक्षी जिलों यानी एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट में शामिल बिहार के शेखपुरा जिले के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए यहां की जिलाधिकारी इनायत खान द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की गई है. वर्चुअल बातचीत में प्रधानमंत्री ने शेखपुरा में कुपोषण के क्षेत्र में जिला स्तर पर किए गए बेहतर प्रयासों की सराहना की और कहा है कि अति पिछड़े जिलों को आकांक्षी जिले के रूप में चिन्हित करने से यह काम बेहतर तरीके से हो रहा है.
शेखपुरा जिला आकांक्षी जिला के रूप में चयनित
डीएम इनायत खान ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में प्रधानमंत्री को बताया कि अभिसरण के तहत उन्होंने राज्य एवं केंद्र के विविध योजनाओं पर अंतर विभागीय सहयोग एवं समन्वय स्थापित कर सुनियोजित कार्यान्वयन किया. उन्होंने पीएम से मूलभूत सुविधाओं को जन-जन तक उपलब्ध कराने एवं आधारभूत संरचनाओं के विस्तार के साथ-साथ कौशल विकास की भी चर्चा की.
शेखपुरा जिला की बात करें तो इस जिले में गंभीर दुबलेपन में कमी आई है और इसका सूचकांक 10.8 प्रतिशत से घटकर 7.7 प्रतिशत हो गया है. दुबलेपन में भी कमी आ गई है और सूचकांक 28.9 प्रतिशत से घटकर 16.3 प्रतिशत हो गया है वहीं वजन का सूचकांक 51. 7 प्रतिशत से घटा है और यह 37 .6 प्रतिशत हो गया है. शेखपुरा के आकांक्षी जिला के रूप में चयनित होने पर नीति आयोग के प्रतिनिधि के तौर पर पीरामल फाउंडेशन ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में जिले में बेहतर काम किया है.
सामाजिक बदलाव के रूप में रेखांकित करने के लिए समारोह का आयोजन
शेखपुरा जिले में आंगनबाड़ी केंद्रों पर गोद भराई की रस्म गर्भवती महिलाओं के लिए होती रही है. हरी साग सब्जी से लेकर आयरन की गोली फल फूल देकर गोद भराई की रस्म पूरी की गई और गर्भवती सहित गांव की सभी महिलाओं को पौष्टिक आहार लेने के लिए प्रेरित किया गया. नवजात शिशु के 6 महीने का हो जाने पर अन्नप्राशन समारोह का भी आयोजन किया जाता है. इस मौके पर नवजात को अनग्रहण कराया जाता है, इसको सामाजिक बदलाव के रूप में रेखांकित करने के लिए समारोह का आयोजन होता है. इस तरह के समारोह में बच्चों को कुपोषण से दूर करने के लिए सभी तरह के पोस्टिक आहार सामने लाए जाते हैं.
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