पटना रिमांड होम मामले में पटना हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई है. सोमवार को हुई कार्यवाही में चीफ जस्टिस संजय करोल और जस्टिस एस कुमार की डिवीजन बेंच ने राज्य सरकार से रिप्लाई मांगा है. उनसे पूछा कि सरकार की तरफ से क्या कार्रवाई की गई है? मामले की वकील और महिला विकास मंच की लीगल एडवाइजर मीनू कुमारी के अनुसार कोर्ट ने पूछा कि आपने कोई एक्शन लिया या नहीं? इस पर सरकार का पक्ष रखते हुए महाधिवक्ता ललित किशोर ने कहा कि अभी इसमें कोई एक्शन नहीं हुआ. हम एक बार पीड़िता की बातों को सुन लेंगे तो उसके बाद एक्शन लेंगे. इस पर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को फटकार लगाई और पूछा कि अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई?
सोमवार को पीड़िता की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर किया गया
इस मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ कर रही है. सोमवार को पीड़िता की ओर से एक हस्तक्षेप याचिका दायर किया गया. लेकिन इसकी प्रति राज्य सरकार को प्राप्त नहीं होने के कारण सुनवाई 11 फरवरी, 2022 तक टाल दी गई. वकील मीन दास ने कहा कि मामले में अब कोई भी एक्शन कोर्ट के आदेश पर ही होगा. क्योंकि, राज्य सरकार इस मामले में सिर्फ जांच करने की बात कह रही है.
कितनी बार होगी पूछताछ ?
जबकि पीड़िता से CJM के पास पूछताछ हो चुकी है. समाज कल्याण विभाग भी अपने यहां बुलाकर बयान ले चुका है. अपने हिसाब से पूछताछ कर चुका है. महिला वकील ने सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार के रवैये से ऐसा लग रहा है कि वो अपने किसी अधिकारी या चहेते को बचाने में लगी है। अब 11 फरवरी की कार्रवाई से ही हमें इस मामले में आगे के एक्शन का पता चलेगा. तो वहीं पूर्व IPS अमिताभ दास के आरोपों पर वकील मीनू कुमारी ने कहा कि उनके पास अगर कोई सूचना है तो कोर्ट को असिस्ट कर सकते हैं. इसके लिए उन्हें एक इंटरवीन पिटीशन दाखिल करना चाहिए. अभी तक तो कोर्ट पूरी तरह से रिकॉर्ड के आधार पर चल रहा है.
रिमांड होम अधीक्षक पर संगीन आरोप
दरअसल पटना रिमांड होम की एक पीड़िता ने आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीडिताओं को रिमांड होम की अधीक्षक जबरन अनैतिक कार्यों के लिए मजबूर करती है. पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया है कि केअर होम में रहने वाली पीड़िताओं को भोजन और बिस्तर की सुविधाएं भी नहीं मुहैया कराई जाती है, इसके साथ ही यहां भी आरोप लगाया गया है कि यहां रहने वाली अजनबियों को रिश्तेदार के रूप में बहाना बनाकर आने दी जाती है. जो यहां बेसहारा महिला को जबरण उठाते हैं. यहां उनकी मर्यादा और जान को जोखिम में डाला जाता है.
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