भारत सरकार द्वारा 22 जनवरी, 2015 को लॉन्च गई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का प्रदर्शन राज्यों में अच्छा नहीं रहा है। इसको लेकर महिला सशक्तिकरण समिति की नवीनतम रिपोर्ट सरकार की तरफ से जारी किये धन का सही उपयोग ना होने को लेकर निराशा जाहिर की है।
क्या कहती है महिला सशक्तिकरण समिति की रिपोर्ट
22 जनवरी, 2015 को लॉन्च गई ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ का प्रदर्शन राज्यों में अच्छा नहीं रहा है। इसको लेकर महिला सशक्तिकरण समिति की नवीनतम रिपोर्ट सरकार की तरफ से जारी किये धन का सही उपयोग ना होने को लेकर निराशा जाहिर करती है।
बता दें कि महाराष्ट्र भाजपा लोकसभा सांसद हीना विजयकुमार गावित की अध्यक्षता वाली समिति ने गुरुवार को लोकसभा में इससे जुड़ी रिपोर्ट पेश की।
•रिपोर्ट में कहा गया है कि योजना के लगभग 80 प्रतिशत धनराशि का उपयोग इसके विज्ञापन के लिए किया गया है, न कि महिलाओं के लिए स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे मुद्दों पर। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि 2014-15 में इसकी शुरुआत के बाद से 2019-20 तक, इस योजना के लिए कुल 848 करोड़ रुपये मंजूर हुआ। 2020-21 में कोरोना काल को छोड़कर इस दौरान राज्यों को 622.48 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई।
•समिति की रिपोर्ट के अनुसार 2016- 2019 के दौरान जारी किए गए कुल 446.72 करोड़ रुपये में से, केवल मीडिया विज्ञापनों पर लगभग 78.91% खर्च किया गया।
•रिपोर्ट में कहा गया है, “केवल 25.13% धन, यानी 156.46 करोड़ रुपये, राज्यों द्वारा खर्च किए गए हैं, जो इस योजना के अनुमानित लक्ष्य के अनुरूप प्रदर्शन नहीं है।”
योजना के उद्देश्यों को संतुलित करना जरूरी
इस अभियान के संदेश को लोगों तक पहुंचाने के लिए मीडिया अभियान की जरूरत तो है पर योजना के अन्य उद्देश्यों को संतुलित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। पैनल ने सिफारिश की है कि “सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य संबंधी मामलों के लिए नियोजित खर्च आवंटन पर भी ध्यान देना चाहिए।
योजना का उद्देश्य
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा एक राष्ट्रीय पहल के तौर पर होता है। इसका उद्देश्य लड़कियों के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव को खत्म करना और उनके प्रति लोगों की नकारात्मक मानसिकता में बदलाव लाना है।
इसके अलावा योजना का उद्देश्य लिंगानुपात को भी कम करना और महिला सश्क्तिकरण को बढ़ावा देना है।
Article by- Nishat Khatoon
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