एनसीआरबी के ताजा आंकड़ों के मुताबिक 2020 – 21 में भारत में महिलाओं के प्रति अपराध 7 प्रतिशत बढ़ गए l करीब 31 प्रतिशत मामलों के लिए महिला के किसी ना किसी जानने वाले को ही जिम्मेदार पाया गया l और क्या कहते हैं आंकड़े?
बिगड़ते हालात
2019 के मुकाबले 2020 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में बढ़ोतरी दर्ज की गई l 2018 में महिलाओं के खिलाफ हुए 3,78,236 अपराधों के मुकाबले 2019 में 4,05,861 अपराध दर्ज किए गए l प्रति एक लाख महिलाओं पर अपराध की दर 62.14 दर्ज की गई, जो 2018 में 58.8 प्रतिशत थी l सबसे ज्यादा मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए (59,853) और असम में प्रति एक लाख महिलाओं पर सबसे ज्यादा अपराध की दर दर्ज की गई (177.8) l
प्रतिदिन 87 बलात्कार
2019 में भारत में बलात्कार के कुल 31,755 मामले दर्ज किए गए, यानी औसतन प्रतिदिन 87 मामले l सबसे ज्यादा मामले राजस्थान में दर्ज किए गए (5,997). उत्तर प्रदेश में 3,065 मामले और मध्य प्रदेश में 2,485 मामले दर्ज किए गए l प्रति एक लाख आबादी के हिसाब से बलात्कार के मामलों की दर में भी राजस्थान सबसे आगे है (15.9 प्रतिशत), लेकिन उसके बाद स्थान है केरल (11.1) और हरियाणा का (10.9) l वही 2020 में ये मामले बढ़कर 7.3 प्रतिशत हो गए है l
कोई परिचित ही होता है हमलावर
महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों में 30.9 प्रतिशत मामलों के आरोपी पति या उसके रिश्तेदार जिम्मेदार पाए गए l कुल मामलों में 21.8 प्रतिशत मामले महिला की मर्यादा को भंग करने के इरादे से किए गए हमले के, 17.9 प्रतिशत अपहरण के और 7.9 प्रतिशत बलात्कार के थे l
दहेज संबंधी अपराध भी जारी
आंकड़ों में स्पष्ट नजर आ रहा है कि देश में दहेज से संबंधित अपराध अभी भी हो रहे हैं l उत्तर प्रदेश में दहेज की वजह से उत्पीड़न के कुल 2,410 मामले दर्ज किए गए और बिहार में 1,210 l
तेजाब से हमले
2019 से पूरे देश में कुल 150 से अधिक एसिड अटैक के मामले दर्ज किए, जिनमें से 42 उत्तर प्रदेश में दर्ज किए गए और 36 पश्चिम बंगाल में l
दलित महिलाओं का बलात्कार
राजस्थान में सबसे ज्यादा दलित महिलाओं के साथ बलात्कार के मामले दर्ज किए गए (554), लेकिन उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी स्थिति ज्यादा अलग नहीं है l उत्तर प्रदेश में 537 मामले सामने आए और मध्य प्रदेश में 510 प्रति एक लाख आबादी पर दलित महिलाओं के साथ बलात्कार के मामलों की दर में 4.6 प्रतिशत के साथ केरल सबसे आगे है l उसके बाद 4.5 प्रतिशत के साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान का स्थान है l
अगली कड़ी में पढ़िए : जानें महिलाओं के ५० अधिकार !
पहली कड़ी यहाँ पढ़े : कोरोना महामारी के दौरान घरों में घुटता रहा भारतीय महिलाओं का दम !
दूसरी कड़ी यहाँ पढ़े : क्या 2021 में घरेलू हिंसा के मामले बढ़े हैं?
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