डी. बी. एम. एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसका विषय था “हरित पहलों को अपनाने और अपनाने के लिए शिक्षा की शक्ति का उपयोग करना”। सम्मेलन का उद्देश्य विद्यार्थियों को शिक्षा के माध्यम से प्रदूषण एवं पर्यावरण संरक्षण का संदेश देना था। मुख्य प्रायोजक टाटा स्टील द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रांतों से सात एनजीओ भी पर्यावरण संबंधित अपने कार्यों को छात्रों के साथ साझा किया। मुख्य अतिथि अप्रतिम सहाय, कोलकाता से प्रेक्सिस और विनीशा, हाउस ऑफ ग्रोनेस्ट कोइम्बटुर, ग्लोनेस्ट आसनशोल से कोरू फाउंडेशन और विपोनी (जमशेदपुर), भी शामिल थे।
सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए विद्युत उत्पादन
कार्यक्रम की शुरुआत सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन के स्वागत भाषण से हुआ। इसके बाद पामेला घोष दत्ता ने पहले दिन का सारांश दिया। उन्होंने बताया कि डी.बी.एम.एस. कदमा स्कूल के नौंवी के बच्चों के लिए वर्ल्ड बैंक के डॉ अशेष ने शानदार प्रस्तुति दे कर कॉन्फ्रेंस का आगाज किया था . 13 दिसंबर को टाटा स्टील यूआईएसएल के द्वारा सौर ऊर्जा का उपयोग करते हुए विद्युत के उत्पादन के बारे में बताया और इसके 3 प्रकार ऑन ग्रिड, ऑफ ग्रिड और हाइब्रिड सोलर सिस्टम को भी बताया। घोरामारा टापू, सुंदरवन से आए छात्रों ने जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से कैसे झेलते हैं अपनी बंगला भाषा में सुनाया.
इसके बाद हाउस ऑफ ग्रोनेस्ट कोइम्बटोर से दीपिका और श्रीकांत ने बायो एंजाइम के बारे में बताया जो ऑर्गेनिक अपशिष्ट सामग्री जैसे फलों के छिलके, चीनी या गुड़ के किण्वन प्रक्रिया के माध्यम से बनाया जाता है ये एक इको फ्रेंडली उत्पाद है जो घर की सफाई के लिए इस्तेमाल होते है।
जलवायु परिवर्तन को पाठ्यक्रम में शामिल करने की ज़रूरत
कोरु फाउंडेशन के दीपक सोनी ने वीडियो के जरिए जीरो वेस्ट और एंप्लीफाइंग कम्युनिटी वॉयसेस प्रोजेक्ट के द्वारा जलवायु परिवर्तन को पाठ्यक्रम में शामिल करने को कहा। फिर जूनियर कार्मेल कॉलेज के छात्रों ने सतत विकास के लक्ष्य को बताया। गाय के गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाने की विधि को सुरदीप प्राकृतिक पेंट ने विस्तार से बताया। विनिशा के संस्थापक कोलकाता से आए रमेश चंद्र ने स्कूल के बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के अपने अनुभव साझा किए. कांफ्रेंस में रिडुस, रिसाइकिल, रियुज पद्धति अपनाई गई। यह कार्यक्रम जीरो वेस्ट था. डी बी एम एस इंग्लिश स्कूल के छात्रों ने पंचतत्व पर आधारित नृत्य प्रस्तुत किया।
कोल्हान यूनिवर्सिटी को भी इस उपलब्धि पर गर्व है – डॉ. संजीव आनंद
श्रेष्ठ शोध पत्र लेखन के लिए कंचन कुमारी, एंजेला मुंडा, रशिका ददियाला, और नताशा मेरी जोसफ राणा सूर्या मुख़र्जी , दीक्षा कुमारी तथा कक्षा 9 के सौरभ और सिद्धि को दिया गया इनका मूल्यांकन टाटा स्टील के चीफ दिलीप और श्री आनंद ने किया था. प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र दिए गए. समापन सत्र के मुख्य अतिथि हुलाडेक के सीईओ नंदन मॉल थे इनका परिचय देते हुए प्राचार्या डॉ. जूही समर्पिता ने बताया कि डी. बी. एम.एस कॉलेज ई वेस्ट का कलेक्शन सेन्टर भी है. दूसरे दिन समापन सत्र के विशिष्ट अतिथि डॉ. संजीव आनंद कोल्हान यूनिवर्सिटी के सी.वि.सी ने डी. बी. एम.एस को देश के 10 श्रेष्ठ बी .एड. कॉलेज की सूची में आने पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि कोल्हान यूनिवर्सिटी को भी इस उपलब्धि पर गर्व है.
वोलंटियर छात्रों को भी प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया
धन्यवाद ज्ञापन डॉ. मोनिका उप्पल के द्वारा हुआ, जिसमें चेयरपर्सन ललिता चंद्रशेखर, अध्यक्ष बी. चंद्रशेखर, सचिव श्रीप्रिया धर्मराजन, सह सचिव सुधा दिलीप, गवर्निंग बॉडी सचिव सतीश सिंह, प्राचार्या डॉ जूही समर्पिता, पद्मा शिवा एवं शिक्षकगण को उनके अथक प्रयास के लिए आभार व्यक्त किया गया. उन्होंने सुदीप प्रामाणिक, ललितकिशोर, अभिजीत बीरेन्द्र पांडे, जूलियन अंथोनी पंकज तपन जुली, सुनीता, सुजाता तथा अन्य स्टाफ का आभार व्यक्त किया. संरक्षिका भानुमति नीलकंठन ने मुक्त कंठ से सफल आयोजन की तारीफ की. अंत मे राष्ट्र गान के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। दो दिवसीय कांफ्रेंस का संचालन अंजलि गणेशन ने किया. वोलंटियर छात्रों को भी प्रमाण पत्र देकर प्रोत्साहित किया गया .
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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