नर्स को कहा तो सिस्टर जाता है, लेकिन मरीजों के लिए यह मां और बाप की तरह होती है। समय पर मरीजों को ड्रिप लगाना और दवाएं देना , आनाकानी करने पर कभी प्यार से तो कभी डांटकर दवा खिलाना इनका सर्वप्रथम काम होता है। इनकी मंशा यही होती है कि मरीज जल्द ठीक होकर अपने घर चले जाएं।
आगरा में कोरोना काल में नर्सों ने पूरी शिद्दत के साथ अपनी सेवाएं दीं। एक से डेढ़ वर्ष तक बिना छुटटी लिए हुए उन्होंने अपना काम किया। घर भी नहीं गईं। बच्चों और परिवार से दूर रहीं। खुद की चिंता किए बिना कर्तव्यों का निर्वहन करती रहीं। डॉक्टर भी मरीजों के इलाज में नर्सों की महत्वपूर्ण भूमिका मानते हैं।
एसएन मेडिकल कॉलेज की स्टाफ नूतन सिंह 16 जनवरी 2021 से कोरोना वायरस के टीकाकरण अभियान से जुड़ी हुई है। उनका कहना है टीकाकरण का आगाज हुआ तब से लोगों को टीका लगा रहीं हैं। टीके लगवाने के बाद लोगों का मनोबल देखकर सुकून मिलता है।
एसएन मेडिकल कॉलेज में 32 वर्ष से सेवाएं दे रही मेट्रन फ्रीडा जेवियर का कहना है कि 1990 में एसएन ज्वाइन किया था। तब से मरीजों के इलाज में सहयोग कर रहीं। कई बार मरीज दवाएं नहीं खाते तो उनकी भलाई के लिए अभिभावकों की तरह समझाते भी हैं। उद्देश्य यही रहता है कैसे भी वह मरीज ठीक होकर अपने घर चला जाए ।
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