
स्वतंत्र, पारदर्शी एवं निष्पक्ष निर्वाचन प्रक्रिया के लिए चुनाव आयोग की पहल
जागरूक बनें और चुनाव के निष्पक्ष संपादन में प्रशासन का सहयोग करें- जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त
झारखण्ड विधानसभा आम निर्वाचन- 2024 में स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने में चुनाव आयोग के साथ-साथ मतदाताओं की भी सजग भूमिका जरूरी है। जब तक मतदाता चुनाव में प्रलोभन देने के हथकंडों को आंख बंद करके यूं ही देखते रहेंगे, तब तक इस पर रोक लगाना संभव नहीं है। इसके लिए चुनाव आयोग ने तकनीक का इस्तेमाल करते हुए C-Vigil मोबाइल एप मतदाताओं के लिए बनाया है ।
इस सम्बन्ध में जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने बताया कि सी-विजिल एप के माध्यम से आम नागरिक आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लघंन की शिकायत कर सकते हैं। मोबाइल के प्ले स्टोर या एप स्टोर से सी-विजिल एप डाउनलोड कर लाइव फोटो अथवा लाइव वीडियो अपलोड कर शिकायत की जा सकती है। उपायुक्त ने कहा की आदर्श आचार संहिता के उल्लघंन होने पर सी-विजिल एप में अपने मोबाइल नम्बर से लॉग इन (Login) कर आम नागरिक अपने शिकायत की सतत निगरानी भी कर सकते हैं।
क्या नाम और मोबाइल नंबर देना अनिवार्य है?
सी-विजिल एप पर शिकायत करने के लिए नाम व मोबाइल नम्बर देने की कोई बाध्यता नहीं है, परन्तु अगर शिकायतकर्ता अपना नाम व मोबाइल नम्बर देते हैं तो शिकायतकर्ता एप के माध्यम से अपनी शिकायत की निगरानी भी कर सकते हैं। अगर शिकायतकर्ता द्वारा अपना नाम एवं मोबाइल नम्बर दिया जाता है तो भी यह सार्वजनिक नहीं हो सकता है। चुनाव आयोग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे बेखौफ होकर आयोग के “आंख नाक कान” बनकर सजक मतदाता की भूमिका निभायें।
सी-विसिल ऐप पर प्राप्त शिकायत का निष्पादन कैसे होता है?
सी-विजील एप पर प्राप्त शिकायत को निष्पादित करने की समयावधि 100 मिनट है। आम नागरिक द्वारा शिकायत दर्ज होने पर रिटर्निंग आफिसर द्वारा अपने नजदीक के उड़नदस्ता टीम (एफएसटी) को शिकायत स्थल पर भेजा जाता है। शिकायत की प्राथमिक तौर पर पुष्टि के बाद रिटर्निंग आफिसर के पोर्टल पर भेजा जाता है तथा रिटर्निंग आफिसर द्वारा शिकायत के निस्तारण के क्रम में निर्णय लिया जाता है ।
सी-विजिल एप से क्या-क्या शिकायत दर्ज करा सकते हैं?
आम तौर पर सी-विजिल एप में धनराशि वितरण, गिफ्ट / कूपन वितरण, शराब वितरण, पैसा बांटने के लिए कूपन का वितरण, महिलाओं को साड़ी बांटने सहित अन्य प्रकार से प्रलोभन देने की शिकायत की जा सकती है। बिना अनुमति पोस्टर, बैनर लगाना, बिना अनुमति बैठक करना, बिना अनुमति के प्रचार में गाड़ी लगाना, धार्मिक तथा उन्मादी भाषणबाजी देकर मतदाताओं को लुभाने या डराने की भी शिकायतें की जा सकती हैं।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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