बैल और बकरी चराने के लिए गरीब बच्चों को (धांगड़) बाल श्रमिक के तौर पर रखा जाता है
पूर्वी सिंहभूम ज़िले के पोटका प्रखंड क्षेत्र के सुदूरवर्ती टांगराइन ग्राम स्थित उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक अरविंद तिवारी ने आज 2 फरवरी को एक और क्रांतिकारी कदम उठाते हुए आदिम जनजाति के चार बच्चों को बाल श्रम( धांगड़ प्रथा) से मुक्त कराया और उसे पुनः स्कूल से जोड़ा। टांगराइन विजयनगर शबर टोला निवासी सोमा शबर के पुत्र देशुबा शबर को पैंतीस सौ रुपए सालाना पर धांगड़ रखा गया था। मालूम हो कि बैल और बकरी चराने के लिए गरीब बच्चों को (धांगड़) बाल श्रमिक रखा जाता है। इसी तरह देबल शबर,लक्ष्मन शबर और बोस्को शबर को आज मुक्त कराया गया।
Best Goverment School In Jharkhand :टांगराईन उत्क्रमित मध्य विद्यालय..कई मायनों में है ख़ास.
अरविंद तिवारी ने साबित कर दिया कि इच्छा-शक्ति मज़बूत हो, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता
ज्ञात हो कि श्री तिवारी विगत कुछ ही वर्षों में उक्त विद्यालय का कायाकल्प कर दिया है। उन्होंने सहायक शिक्षकों और शिक्षा-प्रेमी ग्रामीणों के सहयोग से शिक्षा और स्वच्छता के मामले में ज़िले से विद्यालय को पुरस्कृत करवाया है। उनकी इस पहल की काफी सराहना हुई है और आज फिर उन्होंने साबित कर दिया कि इच्छा-शक्ति मज़बूत हो, तो कोई भी कार्य असंभव नहीं होता है। चार शबर बच्चों को पुनः शिक्षा से जोड़ने की इस मुहिम के बारे में उन्होंने कहा कि एक शिक्षक का परम कर्तव्य और दायित्व होता है, कि वह हरसंभव अपने पहुंच क्षेत्र में शिक्षा का दीप जलाने का प्रयास सतत रूप से करता रहे।
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!