सिर्फ जामताड़ा ही नहीं, झारखंड के 16 जिलों में 500 से ज्यादा सरकारी स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को साप्ताहिक छुट्टी का फरमान लागू कर दिया गया था। स्थानीय ग्रामीणों के दबाव और स्थानीय विद्यालय प्रबंध कमेटियों ने अपने स्तर से यह फैसला ले लिया था। सबसे हैरान करने वाली बात यह कि शिक्षा विभाग के अफसर इससे पूरी तरह बेखबर रहे।
दो हफ्ते पहले मीडिया में जामताड़ा, गढ़वा और कुछ अन्य जिलों के कई स्कूलों में लागू किये गये इस फरमान के बारे में खबरें छपीं तो राज्य सरकार ने सभी जिलों से इस मसले की रिपोर्ट मंगायी। शिक्षा विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के 16 जिलों में कुल 519 ऐसे स्कूलों में रविवार की जगह शुक्रवार को छुट्टी लागू की गयी थी। इनमें से कुछ स्कूलों में तो यह व्यवस्था राज्य की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के वक्त में ही स्थानीय स्तर पर बहाल कर दी गयी थी।
शिक्षा विभाग ने जिलों से जो रिपोर्ट मंगायी है, उसमें यह खुलासा हुआ है कि 427 सामान्य स्कूलों के नाम के आगे उर्दू स्कूल जोड़ दिया गया।देवघर में सबसे ज्यादा 156 सामान्य स्कूलों के आगे उर्दू जोड़ा गया था।इसी तरह गोड्डा में 88, गिरिडीह में 67, पलामू के 50 स्कूलों और जामताड़ा में 14 स्कूलों के नाम में उर्दू जोड़ा गया था। यहां तक कि राजधानी रांची से सटे दो सामान्य स्कूलों के नाम के आगे उर्दू स्कूल जोड़ दिया गया था।
राज्य के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने पिछले ही हफ्ते सभी स्कूलों में अनिवार्य रूप से रविवार की छुट्टी बहाल करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सरकार का आदेश न माननेवाले स्कूलों के प्रधानाचार्यों के खिलाफ कार्रवाई भी करने को कहा है।इसके अलावा अपने स्तर से स्कूलों की छुट्टी के दिन में बदलाव और सामान्य स्कूलों के नाम के आगे उर्दू स्कूल जोड़ने का फैसला लेने वाली विद्यालय प्रबंध कमेटियों को भंग करने का भी आदेश दिया गया है।
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