झारखंड के गांवों में पानी और शौचालय की स्कीम को धरातल पर उतारने को ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति का रोल अहम है. राज्यभर में 29756 गांव हैं. इनमें केंद्र की महत्वाकांक्षी जल जीवन मिशन (JJM) के तहत हर घर जल की सुविधा वर्ष 2024 तक दिये जाने का लक्ष्य तय किया गया है. पर इस स्कीम को धरातल पर उतारने के प्रयासों में VWSC (ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति) की कमी खटक रही है. नियमतः हर गांव में एक VWSC होनी चाहिए. अभी तक 28801 गांवों में वीडब्लूएससी (ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति) का गठन तकरीबन हो चुका है. पर राज्य में अब भी 955 गांवों में VWSC गठित नहीं की जा सकी है. ऐसे में चिह्नित गांवों में जल जीवन मिशन के लक्ष्य को समय पर हासिल करने पर आशंका बन गयी है.
क्या है गांवों का हाल ?
राज्यभर में कुल 29,756 गांव हैं. इनमें से 929 गांवों में ही हर घर को जल की सुविधा मिल सकी है. इसके अलावा 12,054 गांव ऐसे हैं जहां जलापूर्ति का कार्य प्रगति पर है. 16773 गांव ऐसे हैं जहां जलापूर्ति पर काम शुरू होना बाकी है. वैसे जल जीवन मिशन के तहत कुल गांवों में से 29653 गांवों के लिए ग्राम कार्य योजना (विलेज एक्शन प्लान) बनायी जा चुकी है.
क्या है ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति ?
हर गांव में एक ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति बनायी गयी है. सरकार की मंशा है कि ग्रामीणों को पानी, शौचालय सुविधा जैसे कामों के लिए प्रखंड व अन्य कार्यालयों का चक्कर नहीं लगाना पड़े.यह समिति स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालन में बड़ी भूमिका निभाती है. ग्राम स्तर पर पेयजल स्रोतों की देखभाल, मरम्मत और कनेक्शन सुविधा उपलब्ध कराये जाने का कार्य ग्राम इस समिति के जिम्मे है. इसका अध्यक्ष स्थानीय पंचायत का मुखिया होता है.
जल सहिया कोषाध्यक्ष होती है. समिति के खाते में उपलब्ध राशि की निकासी अध्यक्ष या उपाध्यक्ष एवं कोषाध्यक्ष के संयुक्त हस्ताक्षर के बाद ही की जाती है. ग्राम स्तर पर समिति की हर माह होने वाली बैठक में मुखिया इसकी अध्यक्षता करते हैं. सभी परिवारों को शौचालय, पेयजल स्कीम से जुड़ने के लिये राजी करने का प्रयास होता है. समिति के रजिस्टर में बैठक की कार्यवाही लिखी जाती है. पेयजल, शौचालय के लिये गांव में सर्वे कराने के बाद लाभार्थी की सूची तैयार करनी होती है. प्रस्ताव की प्रति जिला जल एवं स्वच्छता मिशन को भेजी जाती है. इसके बाद प्रक्रिया पूरी की जाती है.
क्या कहता है विभाग ?
पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के इंजीनियर इन चीफ रघुनंदन शर्मा के मुताबिक अभी राज्य में पंचायत चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लागू है. चूंकि मुखिया ही समिति के प्रमुख होते हैं. ऐसे में अभी समिति का गठन संभव नहीं. पंचायत चुनाव खत्म होते ही समिति के गठन का काम पूरा कर लिया जायेगा. उम्मीद है कि 15 अगस्त तक हर गांव में समिति गठित कर ली जाएगी.
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