एयरलाइंस की संस्था आईएटीए ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसके मुताबिक भारत ने चीनी नागरिकों को जारी किए सारी टूरिस्ट वीजा रद्द कर दिए हैं. सर्कुलर में कहा गया है कि “चीनी नागरिकों को जारी पर्यटन वीजा अब वैध नहीं हैं.” इनमें दस साल की अवधि के लंबे टूरिस्ट वीजा भी शामिल हैं. हालांकि भारतीय अधिकारियों ने कहा है कि वे बिजनस, नौकरी, राजनयिक यात्राओं और आधिकारिक यात्राओं के लिए वीजा देना जारी रखेंगे.
माना जा रहा है कि भारत का यह फैसला उसके छात्रों को लेकर चीन द्वारा बरती जा रही सख्ती के विरोध में लिया गया है. चीन में पढ़ने वाले भारत के 20 हजार से ज्यादा छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है क्योंकि वे वापस अपने विश्वविद्यालयों को नहीं जा पा रहे हैं. 2020 में कोविड महामारी की शुरुआत के बाद से ये छात्र भारत लौट गए थे और तब से वापस जाने की कोशिश कर रहे हैं.
भारतीय छात्र अब तक भी फंसे हुए
चीन ने थाईलैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका के छात्रों को तो लौटने की इजाजत दे दी है लेकिन भारतीय छात्र अब तक भी फंसे हुए हैं. भारत यह मुद्दा कई बार विभिन्न स्तरों पर चीनी अधिकारियों के समक्ष उठा चुका है. पिछले महीने जब चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत आए थे, तब भी उनके भारतीय समकक्ष एस जयशंकर ने इस बारे में बातचीत की थी.
चीन ने कहा, असर नहीं
भारत के इस कदम का उस पर कोई खास असर नहीं पड़ा है. वहां के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत में चीनी चैंबर ऑफ कॉमर्स के हवाले से कहा है कि भारत के वीजा रद्द करने का कोई खास असर नहीं हुआ है क्योंकि कोविड-19 के कारण अंतरराष्ट्रीय यात्राएं अब भी ज्यादा नहीं हो रही हैं इसलिए बहुत ज्यादा मात्रा में चीनी टूरिस्ट भारत नहीं जा रहे हैं.
चाइना टूरिज्म अकैडमी के एक विशेषज्ञ यांग जिनसोंग ने ग्लोबल टाइम्स को बताया कि वीजा रद्द करना बेमतलब है क्योंकि आजकल बहुत कम चीनी टूरिस्ट भारत जा रहे हैं. यांग ने कहा, “अब जो लोग भारत जा रहे हैं उनमें से ज्यादातर काम या बिजनस के लिए जा रहे हैं, छुट्टियां नहीं.”
ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक इसलिए भी चीन के लोग भारत कम जा रहे हैं क्योंकि सीधी उड़ानें ना होने के कारण यात्रा बहुत महंगी है और एक तरफ की टिकट की कीमत 40,000 युआन यानी करीब 4,70,000 रुपये से भी ज्यादा है.
भारत की वीजा पाबंदियां
कोविड महामारी के बाद भारत ने कई देशों के खिलाफ वीजा पाबंदियां पूरी तरह नहीं हटाई हैं. यूके और कनाडा के लोगों को अब भी ई-वीजा जारी नहीं किए जा रहे हैं और उन्हें भारत जाने के लिए दूतावास से कागज पर ही वीजा लेना पड़ रहा है. इसके अलावा जापाना और अमेरिका को छोड़कर बाकी देशों के नागरिकों को जारी किए गए दस साल की वैधता वाले टूरिस्ट वीजा भी अब रद्द हैं.
आईएटीए नियमित रूप से अपनी सदस्य एयरलाइंस को सूचित करती रहती है कि किस देश ने वीजा आदि में क्या बदलाव किए हैं. 19 अप्रैल एक सर्कुलर जारी किया गया था जिसमें बताया गया था कि किन देशों के लोग ई-वीजा पर भारत की यात्रा नहीं कर सकते.
पिछले महीने ही भारत ने 156 देशों के लिए ई-वीजा की सुविधा दो साल बाद दोबारा शुरू की थी. कोविड के कारण दो साल तक बंद रहने के बाद 27 मार्च को भारत ने व्यवसायिक विमानों को भारत आने की अनुमति दी थी. 19 अप्रैल के नोटिस के मुताबिक जिन देशों के लोगों को भारत में प्रवेश की इजाजत है, वे हैः भूटान, मालदीव, नेपाल, भारत के रेजिडेंट परमिट धारक, ओसीआई कार्ड धारक, पीआईओ कार्ड धारक और डिप्लोमैटिक पासपोर्ट धारक. इनके अलावा सभी को वीजा लेकर भारत आना होगा.
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