उत्तर प्रदेश के आगरा में बैंक मैनेजर सचिन उपाध्याय हत्याकांड में नामजद आरोपी पत्नी प्रियंका और ससुर बिजेंद्र सिंह रावत अभी भी फरार हैं. पुलिस ने प्रियंका के भाई कृष्णा रावत को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. फिर उसे जेल भेज दिया गया है. हत्याकांड में अब एक चौंकाने वाली बात सामने आई है. पता चला है कि सचिन अपने भाई के नाम पर पेट्रोल पंप खरीदने वाला था. लेकिन उसने यह बात अपनी पत्नी प्रियंका से छुपाई थी.
प्रियंका को जब ये बात पता चली तो घर में खूब हंगामा हुआ. प्रियंका नहीं चाहती थी कि सचिन के भाई को पेट्रोल पंप मिले. जबकि, सचिन का भाई बेरोजगार था. सचिन चाहता था कि अगर उसके नाप पर पेट्रोल पंप मिल जाए तो इससे उसकी लाइफ सेट हो जाएगी. लेकिन प्रियंका सचिन के परिवार को पसंद नहीं करती थी. इस कारण उसे यह बात रास नहीं आई.
पति-पत्नी के बीच कटे बवाल ने इतना भयावह रूप ले लिया कि सचिन की जान चली गई. हत्या के बाद पत्नी प्रियंका ने जिस तरह ठंडे दिमाग से पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया वह हैरान कर देने वाला है. पुलिस की छानबीन में इसका खुलासा हो रहा है. कमरे में पति की लाश रखकर उसे बंद कर दिया था. पत्नी प्रियंका ने कामवाली के आने के बाद उससे कढ़ी, चावल और 16 रोटियां बनवाईं ताकि किसी को शक न हो कि वहां क्या हुआ है.
इतना ही नहीं 21 अक्तूबर को घटना के बाद पड़ोसी से मोबाइल मांग कर अपने पिता और कलक्ट्रेट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष बिजेंद्र सिंह रावत से दो बार बात भी की थी. पिता से बात करते में उसने कहा था कि कृष्णा को जल्दी से भेज दीजिए, सचिन की तबीयत ज्यादा खराब है. बिजेंद्र रावत भी एक मामले में नामजद हैं. उन दोनों के बीच पूरी बात क्या हुई थी यह तो प्रियंका की गिरफ्तारी के बाद साफ होगा.
कोर्ट ने समन जारी किया
पुलिस ने प्रियंका को हाजिर होने के लिए समन जारी किया लेकिन वह अपना पक्ष रखने के लिए पुलिस के सामने नहीं आई. प्रियंका इस समय भूमिगत है. साथ ही उसके मायकेवाले भी भूमिगत हो गए हैं. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पुलिस के अनुसार सचिन उपाध्याय की 21 अक्तूबर की रात हत्या हुई थी और 22 अक्तूबर की शाम पुलिस को खुदकुशी की सूचना दी गई थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार सचिन की हत्या गला घोंटने के कारण हुई.
सचिन के शरीर पर गर्म धातु से जलाने के लंबे निशान भी हैं. उसे गर्म लंबी धातु से बने सामान जैसे चिमटे से जलाया गया था. पुलिस का मानना है कि करीब 17 घंटे तक लाश को कमरे में छिपाकर रखा गया. साक्ष्यों को नष्ट किया गया था. मामले में पुलिस ने कॉलोनी में जब छानबीन की तो पता चला कि मुन्नी और रजनी नाम की दो कामवाली सचिन के घर काम करती थीं. एक झाड़ू पौंछा करती थी दूसरी खाना बनाती थी.
कामवाली को 16 रोटियां बनाने को कहा
आम दिनों में उससे सात-आठ रोटियां एक टाइम में बनवाई जाती थीं. 21 अक्तूबर को दोनों कामवाली घर पहुंचीं. प्रियंका ने खाना बनाने वाली से कढ़ी-चावल और 16 रोटी बनाने को कहा था. रोटियां ज्यादा बनवाई गई थीं. प्रियंका ने रोटियां और खाना यह सोचकर खाना ज्यादा बनवाया था कि पति की मौत की सूचना पर ससुरालीजन आ जाएंगे तो चूल्हा नहीं जलेगा. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मौके पर मिले साक्ष्य के आधार पर पुलिस आगे बढ़ रही है. साथ ही हत्या में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से शामिल लोगों के सबूत इकट्ठा कर रही है. वहीं, घर के पास जो सीसीटीवी पुलिस को मिला है उसमें घटना वाले दिन प्रियंका का भाई उनके घर आता दिखा है.
सूरज राय, डीसीपी सिटी, आगरा के मुताबिक, पोस्टमार्टम में कॉज ऑफ डेथ स्टेंगुलेशन आया है और बाकी के जो सरकमस्टेंशियल एविडेंस थे वह हत्या की तरफ इशारा कर रहे थे. सीसीटीवी फुटेज देखे गए तो उसमें मृतक का साला टाइम ऑफ डेथ के समय ही मृतक के घर पर आया था. दो लोग ही घटना के समय वहां मौजूद थे. एक मृतक की पत्नी और एक उसका साला. फिलहाल मामले की जांच जारी है.
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