बीएएमएस की फर्जी डिग्री बनाकर वर्षों से प्रैक्टिस करने वाले फर्जी डाक्टरों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ आयुर्वेद बोर्ड ने ग्राम हनौदा दुर्ग निवासी गोविंद राम चंद्राकर, ग्राम पंडरिया जिला राजनांदगांव निवासी अजय कुमार जंघेल, ग्राम हिर्री सारंगढ़ जिला रायगढ़ निवासी खगेश्वर वारे के लाइसेंस रद कर दिए है।
वहीं आरोपितों को जल्द जेल भेजने की तैयारी है। मुजफ्फरपुर पटना से ली थी डिग्रीविभागीय जानकारी के अनुसार तीनों आरोपितों ने बाबा साहब भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर, पटना की जाली डिग्री बना ली।
इसके सहारे कूटरचना कर पंजीयन कराने के बाद अपने-अपने क्षेत्र में प्रैक्टिस करते रहे। इस बीच मरीजों द्वारा इलाज में लापरवाही की शिकायत प्रशासन से लेकर बोर्ड को मिलती रही। मामले में उच्च स्तरीय जांच की गई।
पुलिस को कार्रवाई के लिए कहा गया
इसमें आयुर्वेद बोर्ड की सुनवाई समिति ने जालसाजों के लाइसेंस अधिनियम, 1970 के धारा 19(1) (घ) व धारा 29(1) (ग) पाए जाने पर कार्रवाई की और सारे दस्तावेज रद कर दिए। वहीं पुलिस को भी कानूनी कार्रवाई के लिए कहा गया। बता दें कि नई दुनिया ने फर्जी डाक्टरों के खिलाफ 30 अगस्त, 2021 से लगातार खबर प्रकाशित कर मामले का राजफाश किया था।
इसमें कई दस्तावेजों को पहले भी निरस्त किया गया था। दो डाक्टरों ने रखा पक्ष
तीनों डाक्टर फर्जी डिग्री के सहारे सालों से प्रैक्टिस करते रहे। जांच में दोषी पाए जाने पर उनके दस्तावेज निरस्त किए गए हैं। सुनवाई में दो चिकित्सकों ने उपस्थित होकर अपना पक्ष रखा, जबकि एक चिकित्सक को बार-बार सूचना भेजने के बावजूद उसने अपना पक्ष नहीं रखा है। तीनों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई के लिए भी पत्र लिखा गया है।
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