साइबर अपराधियों के लिए अब हर थाने में एक अलग फाइल खुलेगी, जिसका नाम रेड फाइल होगा। साइबर अपराध के मामलों में एसएसपी ने हर थाने को केस करने का निर्देश दिया है। इसमें अधिक रकम वाले मामलों में ही साइबर थाने में केस करने को कहा गया है। लेकिन, यदि दो लाख से कम राशि का साइबर अपराध होता है तो उसमें लोकल थाने को ही केस करना है। इसके लिए हर थाने में रेड फाइल नाम की कुंडली रहेगी। उसमें उस प्रवृत्ति के अपराध का पूरा विवरण रहेगा। साथ ही इसमें जो भी आरोपी पकड़कर आएंगे, उनके बारे में तस्वीर के साथ ही पूरा विवरण दिया जाएगा।
अलग टीम करेगी काम
साइबर अपराध की जांच के लिए एक अलग से टीम काम करेगी। थाना स्तर पर ही तकनीकी रूप से दक्ष पुलिसवालों को इसमें शामिल किया जाएगा। आवश्यकता पड़ने पर केस में साइबर थाने से मदद ली जा सकती है। लेकिन, अनुसंधान थाना स्तर पर ही किया जाएगा, ताकि केस को आसानी से पुलिस ट्रैक कर सकेगी।
सभी का मोबाइल नंबर भी रहेगा
इसमें एक ही प्रवृत्ति के होने वाले अपराध में यदि किसी एक नम्बर या नाम का बार-बार इस्तेमाल किया गया है तो उस नम्बर को उस डायरी में डालकर नम्बर के आधार पर जांच होगी। इसके लिए नम्बरों का विवरण और लोकेशन भी गठित टीम ही करेगी।
जिले में 50 प्रतिशत तक बढ़े साइबर अपराध
जिले में साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। वर्ष 2021 में साइबर अपराध के 121 मामले साइबर थान में आए थे, जबकि 2022 में यह संख्या 251 हो गई है। इसमें सिर्फ साइबर थाने में ही दर्ज केस नहीं, बल्कि जो अलग-अलग थानों में किस साइबर अपराध के दर्ज हैं, उसे भी इसमें शामिल किया गया है।
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