शरीर को शारीरिक और मानसिक तौर पर स्वास्थ्य रखना बहुत जरूरी होता है. एक-दूसरे के पूरक हैं। अगर शरीर स्वस्थ रहेगा तो मन भी स्वस्थ रहेगा। शरीर की तरह मानसिक स्वास्थ्य भी लोगों के लिए बेहद जरूरी है। मानसिक स्वास्थ्य का तीन स्थिति भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक स्थिति से जुड़ाव रहता है। मानसिक रूप से स्वस्थ नहीं होने पर सोचने, समझने, महसूस करने और काम करने की क्षमता प्रभावित होती है। इसका असर तनाव को संभालने और जीवन से जुड़े जरूरी विकल्प के चयन पर भी पड़ सकता है। शारीरिक स्वास्थ्य पर जिस तरह लोग ध्यान देते हैं, वैसे मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दिया जाता है। इस कारण ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है।
800 मनोरोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं
उन्होंने बताया कि मानसिक रोगियों की संख्या बढ़ने की कई वजह है। अगर मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ेगा तो इसका असर दिनचर्या पड़ता है। यह कहना है सदर अस्पताल के मनोचिकित्सक डॉ. दीपक गिरि का। उन्होंने बताया कि मानसिक रोगियों की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है। हर महीने सदर अस्पताल में करीब 1200 मानसिक रोगियों का इलाज और काउंसिलिंग होती है। इसमें 150 मरीज नए होते हैं। इसके अलावा प्रखंडों में लगने वाले कैंपों भी औसतन 800 मनोरोगी इलाज के लिए पहुंचते हैं। वहीं, एमजीएम में लगभग 500 मरीज हर महीने पहुंचते हैं। अगर मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ेगा तो इसका असर दिनचर्या पड़ता है। इसको ऐसे समझ सकते हैं कि जब व्यक्ति मानसिक रूप से स्वस्थ होता है तो उसका हर काम अच्छे तरीके से होता है।
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