सोशल मीडिया पर नौकरी दिलाने के नाम पर एक व्यक्ति से साइबर ठगों ने 7.62 लाख रुपये उड़ा लिए। सिदगोड़ा थाना क्षेत्र के एग्रिको निवासी चंचल सेन को ठगों ने शिकार बनाया है। उनके खाते से अपराधियों ने 7 लाख 62 हजार 128 रुपये की ठगी कर ली।
पुलिस के अनुसार, घटना 20 मार्च की है। चंचल सेन का बेंगलुरु में एक्सिस बैंक में खाता है। 20 मार्च को उनके व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि सोशल मीडिया पर पार्ट टाइम जॉब उपलब्ध है। इसके लिए सेलिब्रिटीज के इंस्टाग्राम एकाउंट को फॉलो और लाइक करना होगा। इसके बदले में हर दिन दो से तीन हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके बाद एक टास्क के बदले उनके बैंक खाता में 210 रुपये दिया गया।
उसके बाद ठग ने चंचल से 2500 रुपये गूगल पे के माध्यम से देने को कहा। जब उसने 2500 रुपये दिया तो चंचल को फिर से टास्क दिया गया। इसके बाद उसके खाते में 3430 रुपये वापस आए। उसके बाद साइबर अपराधियों ने टास्क देने के नाम पर चंचल से 7 लाख 62 128 रुपये नौ बार में अपने खाते में मंगवाए, लेकिन उसके बाद न तो उसे टास्क दिया गया और न ही रुपये ही बढ़ाकर लौटाए।
पिता के कैंसर के इलाज के लिए लिया था 10 लाख लोन, साइबर ठगों ने उड़ाया
पिता के कैंसर के इलाज के लिए रखे 10 लाख 50 हजार रुपयों को साइबर ठगों ने उड़ा लिया। यह राशि सोनारी खूंटाडीह निवासी नीतीश रंजन के खाते से ठगों ने उड़ाए हैं। ताज्जुब की बात तो यह है कि नीतीश ने न तो कोई एप डाउनलोड किया और न ही किसी लिंक को खोला था। किसी के ओटीपी भी शेयर नहीं किया था, इसके बावजूद खाते से पैसे ट्रांसफर हो गए।
नीतीश रंजन के खाते से ठगों ने 10.50 लाख की अवैध निकासी कर ली है। यह राशि चार बार में अलग-अलग खातों में ट्रांसफर की गई है। अवैध निकासी की जानकारी मिलने पर नीतीश अपने बैंक में शिकायत करने पहुंचा, जहां से उसे साइबर थाना में मामले की शिकायत करने की सलाह दी गई। हालांकि, मामला साइबर थाना से जुड़ा न होने के कारण नीतीश को अपने नजदीकी थाना में शिकायत करने के लिए भेज दिया गया है।
सिर्फ एक ओटीपी आया
नीतीश ने बताया कि वह हैदराबाद की एक कंपनी में काम करता है। उसका खाता आईसीआईसीआई बैंक की बिष्टूपुर स्थित पर्सनल शाखा में है। 10 मार्च को उसके मोबाइल पर एक ओटीपी आया था, जिसे उसने नजरअंदाज कर दिया। इस बीच 13 मार्च तक खाते से 10.50 लाख रुपये निकल गए। जब उसने बैंक स्टेटमेंट निकाला तो निकासी का पता चला। सभी रुपये आईएमपीएस के माध्यम से ट्रांसफर किए गए हैं।
लोन में ली थी यह राशि
नीतीश ने बताया कि उसके पिता को कैंसर है। उनके इलाज के लिए बैंक और लोन देने वाली एक कंपनी से लोन लिया है। यही राशि उसके खाते में थी। उसे न तो कोई कॉल आई और न ही उसने किसी से अपना ओटीपी शेयर किया।
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