गुजरात में आईपीएल जैसी एक क्रिकेट लीग का यूट्यूब पर प्रसारण हो रहा था जिसके जरिए रूसी जुआरियों से पैसा ऐंठा जा रहा था. लेकिन यह क्रिकेट लीग एक फर्जी टूर्नामेंट था जिसमें खिलाड़ियों के नाम पर मजदूरों को बैट-बॉल पकड़ा दिए जाते थे. पुलिस ने अहमदाबाद के इस गिरोह का भंडाफोड़ किया है.
पुलिस ने बताया कि आईपीएल की तर्ज पर यह टूर्नामेंट रचा गया था जिसमें कुछ लोगों ने एक मैदान किराये पर लिया, वहां कुछ कैमरे लगाए और मजदूरों को क्रिकेटरों जैसे कपड़े पहनाकर क्रिकेट खेलने को कहा. उस खेल को यूट्यूब पर लाइव प्रसारित किया गया. फिर रूस में बैठे कुछ सटोरियों से उन मैचों के नतीजों पर सट्टा लगवाया गया.
गुजरात के मेहसाणा जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी अचल त्यागी ने सोमवार को मीडिया को बताया, “जैसे आईपीएल और अंतरराष्ट्रीय मैचों में होता है, उन्होंने अंपायरों को वॉकी टॉकी भी दे रखे थे. पूरी व्यवस्था इतनी अच्छी थी कि जिन्हें पता नहीं है उन्हें लगता था कि यह वाकई एक क्रिकेट लीग हो रही है.” त्यागी ने कहा कि इस संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस के मुताबिक अंपायर ही खिलाड़ियों को बताते थे कि रन लेने हैं या आउट हो जाना है. इसेक लिए वॉकी-टॉकी सेट पर उन्हें आयोजकों से निर्देश मिलते थे और वे आगे खिलाड़ियों को बता देते थे. उन आयोजकों की मिली-भगत रूस में बैठे कुछ लोगों से भी थी जिनसे वे टेलीग्राम ऐप के जरिए जुड़े थे.
भारत में क्रिकेट पर सट्टा लगाना अवैध है. अधिकारियों ने बताया कि जिन चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है उन पर जुआ खेलने और अपराधिक साजिश रचने का मामला दर्ज किया गया है.
अरबों का गोरख-धंधा
आईपीएल दुनिया की सबसे धनी टी20 लीग है जिसे लेकर 2013 में एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था जब कई खिलाड़ियों पर सट्टेबाजी में शामिल होने के आरोप लगे थे. इसके चलते चेन्नै और राजस्थान की टीमों को दो साल के लिए टूर्नामेंट से निलंबित किया गया था.
आईपीएल भारत में ही नहीं, बाकी देशों में भी खासी लोकप्रिय है. इसकी पहुंच का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अगले पांच सालों के लिए टूर्नामेंट के प्रसारण के अधिकारों को भारतीय क्रिकेट बोर्ड ने पिछले महीने ही बेचा है. इसकी एवज में बोर्ड को 6.2 अरब डॉलर यानी लगभग साढ़े चार खरब रुपये की कमाई हुई है.
भारत को क्रिकेट के सट्टेबाजों का गढ़ कहा जाता
भारत को क्रिकेट के सट्टेबाजों का गढ़ कहा जाता है. कई अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग में फंसने पर यह खुलासा कर चुके हैं कि उनसे भारतीय सटोरियों ने संपर्क किया था. जिम्बाब्वे के पूर्व कप्तान और कोच हीथ स्ट्रीक पर जब आईसीसी ने आठ साल का बैन लगाया. कभी दुनिया के सबसे बढ़िया गेंदबाजों में गिने जाने वाले हीथ स्ट्रीक के एक भारतीय कारोबारी से रिश्ते थे. कारोबारी सट्टे के लिए स्ट्रीक से टीम की अंदरूनी जानकारी मांगा करता था. इस जानकारी के बदले वह जिम्बाब्वे के पूर्व कोच को बिटकॉइन समेत कई तरह के तोहफे देता था.
आईपीएल समेत तमाम क्रिकेट टूर्नामेंटों के दौरान देश के तमाम राज्यों में हर एक बॉल या ओवर पर करोड़ों का सट्टा लगता है. भारत में सट्टेबाजी को कानूनी बनाकर टैक्स के दायरे में लाने की बात अक्सर होती रहती है लेकिन अब तक इस बारे में कोई ठोस फैसला नहीं हो पाया है. अन्य कई देशों जैसे ऑस्ट्रेलिया में सट्टेबाजी वैध है और इसके लिए वेबसाइट और ऐप के जरिए सरकारों को कमाई भी होती है.
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