गुजरात हाईकोर्ट ने भरूच पुलिस से कहा है कि वह मानसिक रूप से बीमार एक नौ वर्षीय बच्ची का पता लगाने की कोशिशों के बीच उसके परिवार को परेशान ना करें. न्यायमूर्ति सोनिया गोकानी और न्यायमूर्ति मौना भट्ट की पीठ ने पुलिस को एक याचिका पर सुनवाई करते हुए फटकार लगाई.
लापता लड़की की मां ने अदालत में याचिका दाखिल कर कहा है कि जांचकर्ताओं ने परिवार को परेशान करना शुरू कर दिया है और घर में लगातार गैरजरूरी आमदोरफ्त के कारण, लड़की के पिता की भी नौकरी चली गई है. ‘परिवार के सदस्यों को परेशान न करें’ परिवार द्वारा की गई शिकायत के बाद, बेंच ने सरकारी वकील और याचिकाकर्ता के वकील को परिवार को यह बताने के लिए कहा कि पुलिस केवल उनकी मदद करने की कोशिश कर रही है.
हालांकि अदालत ने सरकारी वकील से यह भी कहा कि वह पुलिस से उन परिवार के सदस्यों को परेशान न करने के लिए कहें. परिजनों को आरोपी मानती है पुलिस!
परिवार के वकील ने कोर्ट को बताया कि पुलिस कुछ परिजनों को मामले में आरोपी मानती है. लड़की के लापता होने के बाद फरवरी में मां ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी. पुलिस ने उसका पता लगाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहा. इस बाबत कुछ सैंपल्स लिए गए हैं जिनके रिजल्ट्स अगले हफ्ते आ सकते हैं.
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