व्यवस्था पर सवाल
देश में क़ानून-व्यवस्था का मज़ाक बना दिया गया है. तमाम सरकारी एजेंसियां सरकार की पिट्ठू बन गई है. सबसे अचरज की बात तो यह है, कि न्यायपालिका की भूमिका भी अब संदेह के दायरे में आ गई है, ऐसा लगता है. लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को ज़मानत मिल गई. क्यों ? इसका जवाब सरल है. खुद को स्वच्छ छवि वाली पार्टी कहने वाली भाजपा का असली चेहरा सामने आ गया. सरेआम किसानों को कुचल दिया, लेकिन सत्ता के चाटुकारों को दिखाई ही नहीं दिया !
क्या व्यवस्था है !
विपक्ष समेत देश के लोग इसकी तीखी आलोचना कर रहे हैं. सत्ता का इस कदर दुरुपयोग करना तो कोई भाजपा से सीखे. आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने पर आरएलडी नेता जयंत चौधरी ने तंज़ कसा है. उन्होंने आशीष मिश्रा को ज़मानत मिलने पर व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं. गुरुवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने आशीष मिश्रा को जमानत दे दी. जयंत चौधरी ने ट्वीट किया, “क्या व्यवस्था है!! चार किसानों को रौंदा, चार महीनों में ज़मानत.”
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ज़मानत दिला कर वह ब्राह्मण वोट हासिल करना चाहती है–ओम प्रकाश राजभर
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने आरोप लगाया है कि आशीष मिश्रा को सिर्फ इसलिए ज़मानत मिली है, क्योंकि वो मंत्री का बेटा है. भाजपा जानती है कि वो चुनाव हार रही है. ज़मानत दिला कर वह ब्राह्मण वोट हासिल करना चाहती है. उन्होंने कहा कि भाजपा ब्राह्मण समाज को इसके ज़रिए संदेश देना चाहती है कि ज़मानत उनकी कोशिशों का नतीजा है.
सत्ता हासिल करने और उस पर जमे रहने के लिए भाजपा और कितना गिर सकती है ?
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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