मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की बात कर रहे हैं. वहीं विभाग को खुली छूट भी दी गई है और विभाग लगातार भ्रष्टाचार को अंजाम देने वाले भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई कर रहा है. राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की ओर से इस साल की अब तक कि सबसे बड़ी कार्रवाई की गई है, जहां टीम ने राजस्थान के एक भ्रष्टाचारी धन कुबेर अफसर को दबोचा है.
बता दें कि जब जयपुर के इस अफसर के घर और फार्म हाउस पर छापेमारी की गई तो एसीबी की टीम भी चौक गई. भ्रष्टाचारी बायोफ्यूल प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेंद्र सिंह घर में नोटों की गिनती करने बैठे तो गिनते-गिनते थक गए. मानो जैसे यह घर नहीं बल्कि नोटों की टकसाल है. आखिरकार एसीबी को नोट गिनने के लिए मशीन मंगाना पड़ा.
एसीबी को और क्या-क्या मिला
एसीबी की टीम को इस छापेमारी में वैशाली नगर क्वींस रोड गांधी पार्क में एक प्लॉट, कालवाड रोड में एक प्लॉट और लग्जरी गाड़ियां भी मिली हैं. इसमें जगुआर, फॉर्चूनर, बलेनो, थार जैसी लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं. वैशाली नगर के कुबेर कॉम्प्लेक्स में शॉप के कागजात भी मिले हैं. बेटा, बहू, पत्नी के नाम से अकूत दौलत मिली है. फिलहाल अरबों की सम्पत्ति के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं.
राजस्थान पुलिस के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक भंवरलाल सोनी के पास एक शिकायत पहुंची. उसमें फरियादी से बायोफ्यूल के व्यापार को निर्बाध रूप से संचालित करने देने की एवज में 15 लाख और लाइसेंस रिन्यू करने की एवज में 5 लाख रुपए ले रहा था. कुल 20 लाख की रिश्वत की मांग करने वाले के विरुद्ध में पीड़ित ने एसीबी से इसकी शिकायत की तो एसीबी ने उसे ट्रैप करने का प्लान बनाया. एसीबी अफसरों को भी नहीं पता था कि मामला इतना बड़ा है कि नोट गिनने की मशीनें मंगानी होंगी.
जानकारी के अनुसार रात दो बजे तक अफसर के बंगले पर दो मशीनों से नोट गिने जाते रहे. आज आरोपी और उसके साथ पकड़े गए उसके कार्मिक को कोर्ट में पेश कर रिमांड की मांग करेगी. इसके बाद अन्य बंगलों की जांच की जाएगी. फिलहाल सभी को सील कर दिया गया है.
भ्रष्टाचार में आरोपी का सहयोगी भी शामिल
बता दें कि बायो फ्यूल ईकाई के अफसर के खिलाफ ये ट्रैप किया गया है, जिसमें मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेन्द्र सिंह राठौड़ और उसका सहयोगी देवेश को पकड़ा गया है. देवेश की भूमिका ज्यादा सामने नहीं आई है, लेकिन अफसर का पूरा खेल खुलकर सामने आ गया.
एसीबी ने बताया कि राठौड़ ने एक पीडित से उसके बॉयो फ्यूल के व्यापार को निर्बाध रूप से चलने देने की एवज में मासिक बंधी और लाइसेंस रिन्यू जल्द करने की एवज में बीस लाख मांगे थे. एसीबी के ट्रैप के दौरान जब मीडिया वहां पहुंची तो अफसर के चेहरे पर शिकन तक नहीं थी. उसने मीडिया के सवालों के जवाब भी टशन में दिया और धमकी भी दी.
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