बेउर जेल के 15 मीटर की परिधि में 40 मकान ऐसे बने हुए हैं, जिससे जेल की सुरक्षा को खतरा है। जिला प्रशासन और जेल प्रशासन ने इन मकानों को ध्वस्त करने की तैयारी शुरू कर दी है। दरअसल, हाल के दिनों में बेउर जेल में मोबाइल, नशीले पदार्थ समेत अन्य आपत्तिजनक चीजों को बाहर से फेंके जाने का मामला सामने सामने आने के बाद यह फैसला लिया गया है।
इसको लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य डॉ. डीएम मूले ने बताया कि कानून के हिसाब से 50 मीटर की परिधि में कोई मकान होना संभव नहीं है, लेकिन सरकार ने 15 मीटर की परिधि में ही बने मकानों को तोड़ने का फैसला किया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब जेल के 15 मीटर की परिधि में बने इन मकानों से मोबाइल व नशीला पदार्थ जेल के अंदर फेंक दिया जाता है। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कानून में 50 मीटर की परिधि में निजी मकानों को बनाने पर रोक लगाया गया है।
डॉ. डीएम मूले का कहना है कि पिछले दिनों चंदन साह की छपरा जेल में मौत हुई थी। इस घटना के बाद जेल के बंदियों के मानवाधिकार की सुरक्षा के लिए जांच की गई। साथ ही केंद्रीय कारा बेउर का निरीक्षण किया गया है। बेउर जेल के एक वार्ड में 35 कैदियों को रखने की क्षमता है लेकिन वहां 100 से अधिक कैदी को शिफ्ट किया जाता है। इससे अक्सर उनकी स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
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