पटना के गायघाट के चर्चित बालिका गृह में प्रताड़ना की रोज नई खबरें सामने आ रही हैं. इसी कड़ी में रोहतास का भी एक बड़ा मामला जुड़ा है. कोचस की संजीदा खातून की भी उसी बालिका गृह में संदिग्ध स्थिति में दर्दनाक मौत हो गई थी. अब परिजनों ने संजीदा मौत के लिए वंदना गुप्ता को ही जिम्मेदार ठहराया है. दरअसल बीते दिनों पटना के गायघाट स्थित बालिका गृह में अधीक्षिका वंदना गुप्ता की तथाकथित प्रताड़ना झेलते हुए रोहतास जिला के कोचस की संजीदा खातून ने दम तोड़ दिया था.
पूरा मामला रोहतास जिला के कोचस थाना क्षेत्र से जुड़ा हुआ हैं. कोचस के डुमरी की रहने वाली संजीदा खातून 16 साल की उम्र में कोचस बाजार के ही डिंपल चौहान के साथ प्रेम प्रसंग में घर से भाग कर शादी कर ली थी. संजीदा खातून के पिता ने नाबालिग लड़की को भगाकर अपहरण कर शादी कर लेने का आरोप लगाते हुए कोचस थाना में वर्ष 2018 में केस दर्ज कर दिया.
भागकर शादी करने का था आरोप
जानकारी के अनुसार प्रेमी जोड़े पर पुलिस का जब दबाव पड़ा तो 17 जनवरी 2019 को प्रेमी युगल ने सासाराम कोर्ट में समर्पण कर दिया था. चूंकि संजीदा की उम्र उस समय मात्र 16 -17 साल थी. जिस कारण कोर्ट ने 3 माह की गर्भवती संजीदा खातून को पटना के गायघाट स्थित राजकीय उत्तर रक्षा गृह में भेज दिया. 6 महीने बाद जुलाई 2019 में बालिका गृह के अंदर ही संजीदा ने एक पुत्र को जन्म दिया. लेकिन, वक्त के साथ संजीदा अपने बच्चे को लेकर बालिका गृह में ही दिन गुजारती रही, 15 अप्रैल 2021 को जब संजीदा की उम्र 18 साल पूरी हो गई तो उसकी मां मदीना खातून ने सासाराम कोर्ट में आवेदन देकर अपनी पुत्री के कस्टडी की गुहार लगाई.
पति को फोन पर सुनाई थी तकलीफ
रिमांड होम में रहने के दौरान संजीदा ने पति की फोन बताया था कि वह काफी बीमार है और उसका इलाज भी नहीं कराया जा रहा है. वंदना गुप्ता के अप्रत्याशित निर्देशों का पालन नहीं करने का उसे दंड दिया जा रहा है. मृतक संजीदा खातून के पति ने जिस तरह से आरोप लगाया कि ढाई साल के दौरान उसे अपनी पत्नी तथा बच्चों से मिलने तक नहीं दिया गया. कभी-कभी चोरी छुपे फोन से बातचीत हो जाती थी. बता दें, गायघाट के बालिका गृह के कुकर्म परत दर परत खुल रहे हैं. संजीदा खातून की मौत प्रताड़ना की एक नई कहानी कह रही है. ढाई साल का नन्हा बच्चा बिन मां के बिलखता रहता है.
वंदना गुप्ता ने की कोर्ट के आदेश की अवहेलना
इसके बाद कोर्ट ने भी संजीदा खातून की मां की दलील को सुनते हुए बालिका गृह के अधीक्षिका वंदना गुप्ता को संजीदा को कोर्ट में पेश करने के आदेश दिए. लेकिन वंदना गुप्ता ने कोर्ट की अवहेलना करते हुए संजीदा खातून को कोर्ट में प्रस्तुत नहीं किया. कई बार रिमाइंडर देने के बावजूद अधीक्षिका वंदना गुप्ता ने कोई संज्ञान नहीं लिया. अंततः 17 सितंबर 2021 को सासाराम कोर्ट ने रोहतास के एसपी के माध्यम से यह आदेश जारी किया कि हर हाल में पीड़ित लड़की संजीदा खातून को 23 अक्टूबर 2021 को कोर्ट में प्रस्तुत किया जाए. लेकिन इसी बीच बुरी खबर आई कि 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन संजीदा खातून की बालिका गृह में ही मौत हो गई.
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