यूपी के डिप्टी सीएम और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक स्वास्थ्य सेवाओं को पटरी पर लाने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगा रहे हैं. लेकिन अस्पतालों की खस्ता हालत बता रही है कि इनका इलाज इतना भी आसान नहीं है. यही हाल कानपुर के मंडलीय चिकित्सालय उर्सला का भी है. एबीपी की टीम जब इस अस्पताल में पहुंची तो यहां का खस्ता हालत सामने आ गई. इस अस्तपाल में एमआरआई और सीटी स्कैन दोनों भगवान भरोसे चल रही हैं.
1 साल से खराब है सीटी स्कैन की मशीन
इस बारे में जब सीएमएस डॉक्टर अनिल निगम से बात की गई तो उन्होंने बताया कि इस अस्पताल में पिछले एक साल से सीटी स्कैन मशीन खराब है यानी इस सुविधा का लाभ मरीजों को तो कतई नहीं मिल रहा है. अब बात करें एमआरआई की तो उर्सला अस्पताल में मशीन है तकनीशियन है लेकिन विशेषज्ञ डॉक्टर नहीं जिसके चलते एमआरआई कराने आने वाले मरीजों को उनकी रिपोर्ट नहीं मिल पाती.
कैमरे पर तो टेक्नीशियन बोलते नहीं लेकिन बताते हैं कि रोजाना 7,8 एमआरआई होते हैं लेकिन हड्डियों के जोड़ वाले मरीज अगर एमआरआई के लिए आते हैं तो उन्हें कहीं और से एमआरआई करवाने की सलाह दी जाती है. वो इसलिए जब टेक्नीशियन ही नहीं है तो रिपोर्ट कौन देगा. बाकी लोगों की रिपोर्ट के लिए पहले हैलेट अस्पताल के एकमात्र रेडियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ पर निर्भर रहना पड़ता था लेकिन अब उनका भी तबादला हो गया है.
एमआरआई कराने के लिए भटक रहे हैं मरीज
एबीपी की टीम ने यहां बड़े चौराहे से आए राहुल अरोड़ा से बात की जो यहां पर एमआरआई करवाने आए थे लेकिन जब उन्हें पता चला कि यहां से एमआरआई की रिपोर्ट ही नहीं मिल पाएगी तो वो भी परेशान हो गए. उर्सला में जो मरीज एमआरआई करवाने आते हैं उनको टेक्नीशियन या तो अपने विवेक से रिपोर्ट दे देते हैं या फिर उन्हें मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ से रिपोर्ट मिलने का लंबा इंतजार करना पड़ता है. यही वजह है कि मरीज थक हार कर प्राइवेट अस्पताल चला जाता है.
इलाज के लिए भटक रहे हैं मरीज
बीमारियों के मौसम में MRI जांच 5 गुना तक बढ़ गई हैं. जांच करवाने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है और विशेषज्ञ ना होने के चलते मरीजों को बहुत ज्यादा परेशानी झेलनी पड़ रही है. आलम ये है कि उर्सला अस्पताल में एमआरआई के रोगी जांच के बाद निजी विशेषज्ञों को फीस देकर अपनी रिपोर्ट बनवा रहे हैं. इसके चलते स्वास्थ्य विभाग में इंतजामों को दुरुस्त करने के दावे धरे के धरे रह जा रहे हैं. इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज की योजनाओं पर पानी फिरता दिख रहा है.
हालांकि हाल ही में पीएमएसएसवाई के मल्टी सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर में एमआरआई की अत्याधुनिक मशीन लगाई गई है लेकिन इस अस्पताल को ऑपरेशनल होने में वक्त है.ऐसे में उम्मीद यही है कि इस दुर्व्यवस्था को जल्द से जल्द सुधार कर आने वाले मरीजों को राहत देने का काम किया जाए
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