कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले रखा है। ये नया वेरिएंट बहुत तेजी से फैल रहा है। कई देशों में कोरोना वायरस के रिकॉर्ड मामले हर दिन सामने आ रहे हैं। इस बीच कोरोना वायरस का पुराना डेल्टा वेरिएंट भी लोगों को संक्रमित कर रहा है।इस वेरिएंट को ही भारत समेत दुनिया के दूसरे देशों में कोविड महामारी की दूसरी विनाशकारी लहर के लिए जिम्मेदार माना जाता है।
दूसरी तरफ, WHO का कहना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट जल्द ही कोरोना वायरस के पुराने वेरिएंट को पीछे छोड़ देगा । मतलब, ज्यादा से ज्यादा लोग केवल ओमिक्रॉन वेरिएंट से ही संक्रमित होंगे।
वायरस के नए शब्द चर्चा में
वायरस को लेकर कुछ नए शब्द चर्चा में हैं l मसलन, ‘डेल्मिक्रॉन’, ‘फ्लोरोना’ और ‘डेल्टाक्रॉन’। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डेल्मिक्रॉन और फ्लोरोना दो अलग-अलग वायरस संक्रमणों से बने हैं, वहीं डेल्टाक्रॉन को कोरोना वायरस का नया संक्रमण बताया जा रहा है. कहा यह भी जा रहा है कि ‘डेल्मिक्रॉन’, ‘फ्लोरोना’ और ‘डेल्टाक्रॉन’ बहुत घातक हैं। हालांकि, अभी तक किसी बड़े स्वास्थ्य संगठन ने इनको लेकर कोई चेतावनी जारी नहीं की है। इधर कई बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि इन शब्दों को लेकर घबराने की जरूरत नहीं है।
Fear Mongering
Media generated words like *Deltacron* and *Florona* scare ppl of a threat that isn’t there
One person having two viral infections is nothing earth shattering
How sick some souls must be to turn a pandemic into business
— Faheem Younus, MD (@FaheemYounus) January 9, 2022
जानिए क्या है डेल्माइक्रोन और फ्लोरोना?
डेल्मिक्रॉन की अगर बात करें तो इसके बारे में महाराष्ट्र सरकार की तरफ से बनाई गई कोविड टास्क फोर्स के सदस्य डॉक्टर शशांक जोशी ने बताया था। बीते महीने उन्होंने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि यूरोप और अमेरिका में कोरोना वायरस मामलों की जो सुनामी आई हुई है, उसके पीछे डेल्मिक्रॉन ही जिम्मेदार है। उन्होंने कहा था कि डेल्मिक्रॉन और कुछ नहीं, बल्कि कोरोना वायरस के डेल्टा और ओमिक्रॉन वेरिएंट का एक साथ शरीर में पाया जाना है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत में भी डेल्टा वेरिएंट काफी व्यापक है, ऐसे में ये देखना होगा कि यहां ओमिक्रॉन वेरिएंट किस तरह से व्यवहार करेगा।
रही बात फ्लोरोना की तो फ्लोरोना के मामले इजरायल में सामने आए हैं। इजरायल के अखबार ‘येडिओथ अरोनोथ’ ने इस साल की शुरुआत में रिपोर्ट किया कि एक गर्भवती महिला फ्लोरोना से ग्रसित पाई गई है। अखबार ने एक स्वास्थ्य विशेषज्ञ के हवाले से बताया कि फ्लोराना दरअसल, फ्लू यानी इनफ्लुएंजा वायरस और कोरोना वायरस का एक ही समय पर शरीर में पाया जाना है। यह कोरोना वायरस का कोई नया वेरिएंट नहीं है।
‘डेल्टाक्रॉन’ को डिटेक्ट किए जाने की बात
साइप्रस में कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ‘डेल्टाक्रॉन’ को डिटेक्ट किए जाने की बात सामने आई है। इंडिया टुडे से जुड़ी मिलन शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक, साइप्रस में बायोलॉजिकल साइंसेज के एक प्रोफेसर ने इस नए वेरिएंट को खोज निकालने का दावा किया है। प्रोफेसर के मुताबिक, इसमें कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट के फीचर मौजूद हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रोफेसर और उनकी टीम ने डेल्टाक्रॉन के 25 मामले डिटेक्ट करने का दावा किया है. हालांकि, उनका यह भी कहना है कि ओमिक्रॉन इस नए कथित वेरिएंट को जल्द ही पीछे छोड़ देगा।
विशेषज्ञों का कहना – ‘घबराने की जरूरत नहीं’
जैसा कि हमने आपको ऊपर बताया कि कई बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञ इन डेल्टाक्रॉन और फ्लोरोना जैसे शब्दों से ना घबराने की हिदायत दे रहे हैं। ऐसे ही एक पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर फहीम यूनुस ने इस संबंध में ट्वीट किया है। डॉक्टर यूनस कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत से ही बेहद जरूरी जानकारियां साझा करते रहे हैं. अमेरिका में काम करने वाले डॉक्टर यूनस ने अपने ट्वीट में कहा,
“डर फैलाया जा रहा है। मीडिया ने लोगों को उस खतरे से डराने के लिए डेल्टाक्रॉन और फ्लोरोना जैसे शब्दों को जन्म दिया है, जो असल में हैं ही नहीं। एक व्यक्ति के शरीर में दो वायरस संक्रमण का मौजूद होना कोई अचंभे में डालने वाली बात नहीं है। ऐसे लोग कितनी बीमार मानसकिता के होंगे, जिन्होंने एक महामारी को बिजनेस में बदल दिया है।”
इस बीच कई वायरोलॉजिस्ट ने डेल्टाक्रॉन को कोरोना वायरस का नया वेरिएंट मानने से ही इनकार कर दिया है। उनका कहना है कि डेल्टाक्रॉन महज के एक दोहरा संक्रमण है, जो किसी को भी हो सकता है और फिलहाल इससे घबराने की जरूरत नहीं है।
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