अमेरिका के रिसर्चर्स की एक टीम ने पाया है कि मौजूदा कोरोना महामारी के पहले साल के दौरान जन्में बच्चे के विकास स्क्रीनिंग टेस्ट का स्कोर कम रहा है.
खास बात ये है कि इस बात का कोई बेहतर असर नहीं दिखा कि प्रेग्नेंसी के दौरान मां कोरोना से संक्रमित हुई थी या नहीं. ये स्टडी 2020 में मार्च से दिसंबर के बीच न्यूयॉर्क-प्रेस्बिटेरियन मॉर्गन स्टेनली चिल्ड्रन और एलन अस्पताल (Allen Hospital) में जन्में 255 बच्चों पर की गई .कोलंबिया यूनिवर्सिटी के वैगेलोस कॉलेज ऑफ फिजिशियन एंड सर्जन (Vagelos College of Physicians and Surgeons) में पीडियाट्रिक्स की असिस्टेंट प्रोफेसर डानी डुमित्रियू (Dani Dumitriu) ने बताया कि प्रेग्नेंसी के दौरान जो महिलाएं संक्रमित हुई थीं, उनके बच्चों में तंत्रिका संबंधी यानी न्यूरो से संबधित विकास में कमी का ज्यादा जोखिम माना गया था. इसलिए हमने सोचा था कि कोविड संक्रमित माताओं से जन्में बच्चों में तंत्रिका विकास में कुछ बदलाव दिखेंगे, लेकिन हम ये देखकर हैरान रह गए कि कोविड संक्रमण का कोई प्रभाव नहीं दिखा, जबकि गर्भाशय तंत्रिका विकास में कमी से जुड़ा होता है.
हालांकि, मोटर और सामाजिक कौशल (motor and social skills) का स्कोर जरूर थोड़ा कम था. ये निष्कर्ष बताता है कि महामारी के दौरान प्रेग्नेंट महिलाओं द्वारा बड़े पैमाने पर महसूस किए गए तनाव का जरूर असर रहा. ये स्टडी जामा पीडियाट्रिक्स (JAMA Pediatric) जर्नल में प्रकाशित हुई है.
कैसे हुई स्टडी
डानी डुमित्रियू (Dani Dumitriu) के मुताबिक सैंपल में शामिल करीब 250 बच्चों में विकास की दर (rate of growth) में सामान्य बच्चों की तुलना में कोई बहुत बड़ा अंतर नहीं दिखा, सिर्फ मामूली सा बदलाव था. लेकिन इन छोटे बदलाव के प्रति भी सतर्क रहने या उस पर ध्यान देने की जरूरत है, क्योंकि वे सार्वजनिक स्वास्थ्य पर अहम असर डाल सकते हैं. ये एक अलग प्रकार की महामारी और प्राकृतिक आपदा के रूप में सामने आ सकता है.
बता दें कि पहले की स्टडी में रिसर्चर्स ने पाया है कि कोरोना वायरस मां से भ्रूण में नहीं पहुंचता है, लेकिन ये तो मालूम ही था कि प्रेग्नेंसी के दौरान वायरल डिजीज चूंकि मां में इम्यून सिस्टम को एक्टिव कर देती है, इसलिए बच्चों में तंत्रिका के विकास (development of nerve) में देरी का रिस्क बढ़ जाता है और अंतत: भ्रूण का ब्रेन डेवलपमेंट प्रभावित होता है.
डानी डुमित्रियू (Dani Dumitriu) ने बताया कि कोविड महामारी के इस दौर में लाखों शिशुओं ने गर्भ में वायरल संक्रमण के साथ ही मां के तनाव का भी सामना किया है. इसलिए यह बहुत जरूरी है कि भविष्य की पीढ़ी के लिए तंत्रिका विकास (neural development) पर महामारी के असर को गंभीरता से लिया जाए
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