हाल ही में ‘पीएम केयर्स फंड’ की वेबसाइट पर दो सालों का लेखा जोखा पेश किया गया है. जो जानकारी उपलब्ध कराई गयी है उसके अनुसार इस फंड में कुल 10,990 करोड़ रुपये इकठ्ठा हुए हैं. जो जानकारी वेबसाइट पर साझा की गई है . उसमें बीते वित्तीय वर्ष यानी मार्च 31, 2021 तक हुए ख़र्च का ही ब्योरा दिया गया है.ऑडिट की रिपोर्ट बताती है कि मार्च 2021 तक इस राशि से 3,976 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए, जो कुल जमा राशि का एक तिहाई हिस्सा है.हालांकि, मौजूदा वित्तीय वर्ष में इस राशि को किस मद में ख़र्च किया गया या कितनी राशि ख़र्च हुई, इसकी जानकारी वेबसाइट पर मौजूद नहीं.
ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार जो राशि ख़र्च की गई उसमें प्रवासी मज़दूरों के पलायन को देखते हुए राज्य सरकारों को 1,000 करोड़ रुपये दिए गए.
2020 मार्च महीने की 29 तारीख़ को प्रधानमंत्री ने ‘पीएम केयर्स फंड’ के स्थापना की घोषणा की थी जिसके माध्यम से देश में पैदा हुई महामारी की अप्रत्याशित स्थिति का मुक़ाबला किया जा सके.ऑडिट रिपोर्ट के अनुसार जो राशि ख़र्च की गई उसमें प्रवासी मज़दूरों के पलायन को देखते हुए राज्य सरकारों को 1,000 करोड़ रुपये दिए गए जबकि देश के विभिन्न सरकारी अस्पतालों में पचास हज़ार के लगभग वेंटिलेटर मुहैया कराए गए जिसपर 1,131 करोड़ रुपये का ख़र्च हुआ है. साथ ही ये भी बताया गया है कि वैक्सीन की 6.6 करोड़ डोज़ के लिए मार्च 2021 तक 1392 करोड़ रुपये भी इसी मद से ख़र्च किए गए हैं.
रिपोर्ट से ये भी पता चलता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में आरटी/पीसीआर जांच के लिए 16 लैब की स्थापना में 50 करोड़ रुपये ख़र्च किए गए जबकि 20 करोड़ की राशि से कुछ राज्यों में पहले से मौजूद लैब का आधुनिकीकरण किया गया ताकि लोगों को कोविड की जांच कराने में आसानी हो सके.इसके अलावा देश भर में 160 ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने के लिए 200 करोड़ रुपये से ज़्यादा ख़र्च किए गए. वहीं 50 करोड़ रुपये बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर और पटना में कोविड अस्पताल बनाने के लिए ख़र्च किए गए.
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहाँ 7,183 करोड़ देश के अन्दर से ही स्वैच्छिक दान के माध्यम से जमा हुए, लगभग 494 करोड़ रुपये विदेश से मिले.
‘पीएम केयर्स फंड’ का ऑडिट सार्क एसोसिएट्स नाम की ऑडिट फर्म ने किया है जो वेबसाइट पर मौजूद है. इसमें ये भी बताया गया है कि कहाँ से कितनी राशि मिली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि जहाँ 7,183 करोड़ देश के अन्दर से ही स्वैच्छिक दान के माध्यम से जमा हुए, लगभग 494 करोड़ रुपये विदेश से मिले अनुदान के ज़रिए जमा किए गए.प्रोग्रेसिव मेडिकोस एंड साईंटिस्ट फोरम’ के महासचिव डाक्टर सिद्धार्थ तारा ने बीबीसी से कहा कि जो वेंटिलेटर अस्पतालों में आए भी वो दूसरी लहर के ख़त्म होने के बाद ही आए जब वेंटिलेटर ढूँढने में लोगों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
बात और है कि इस राशि को सूचना के अधिकार से दूर रखा गया. लेकिन इससे भी ज़्यादा अफ़सोस की बात है कि स्वास्थ्य को लेकर अप्रत्याशित दौर चल रहा है. एक तरह के स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति बनी हुई है. इसके बावजूद सुदूर इलाकों में पिछले दो सालों में स्वास्थ्य प्रणाली को दुरुस्त नहीं किया गया और न ही स्वास्थ्य को लेकर आधारभूत संरचना को ही बढ़ाया गया. लोग कोरोना महामारी से अब भी जूझ रहे हैं क्योंकि उनको ऐसे दौर में भी मुफ़्त चिकित्सा नहीं मिल पा रही है.
दो सालों में इस फंड को लेकर अदालत के दरवाज़े भी खटखटाए और मांग की कि इसे ‘सूचना के अधिकार’ में लाया जाना चाहिए.
जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फंड के स्थापना की घोषणा की थी तो विपक्ष ने इस फ़ैसले पर कई सवाल उठाए. कांग्रेस के अध्यक्ष सोनिया गाँधी सहित प्रमुख विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया था कि जब प्रधानमंत्री राहत कोष मौजूद है तो फिर इस नए फंड की क्या आवश्यकता थी.विपक्ष का कहना था कि राज्य स्तर पर भी मुख्यमंत्री राहत कोष स्थापित है और इसमें ही पैसे जमा होने चाहिए .
सूचना के अधिकार के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने पिछले दो सालों में इस फंड को लेकर अदालत के दरवाज़े भी खटखटाए और मांग की कि इसे ‘सूचना के अधिकार’ में लाया जाना चाहिए और इससे संबंधित जानकारी जब मांगी जाए तो उसे उपलब्ध कराया जाए.मगर पिछले साल सितंबर माह में दिल्ली उच्च न्यायालय में सरकार ने अपनी याचिका में स्पष्ट किया कि ‘पीएम केयर्स फंड’ सरकार की कोई ‘संस्था’ नहीं है बल्कि एक दानशील या ‘चैरिटेबल ट्रस्ट’ है जिसकी वजह से ये सूचना के अधिकार के दायरे में नहीं आ सकती. ये एक ट्रस्ट है जिसका संचालन सिर्फ़ ट्रस्टी ही करेंगे.
Also Read: पृथ्वी गोल है मगर कभी सोचा है कि आखिर ये पानी क्यों नहीं गिरता है?
Join Mashal News – JSR WhatsApp Group.
Join Mashal News – SRK WhatsApp Group.
सच्चाई और जवाबदेही की लड़ाई में हमारा साथ दें। आज ही स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें! PhonePe नंबर: 8969671997 या आप हमारे A/C No. : 201011457454, IFSC: INDB0001424 और बैंक का नाम Indusind Bank को डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर कर सकते हैं।
धन्यवाद!