
चीन और दक्षिण कोरिया समेत यूरोप के कई देशों में कोरोना वायरस के नए मामलों में फिर से बढ़ोतरी हो रही है. इसके चलते भारत में भी चिंता व्यक्त की जा रही है. अब इस मुद्दे पर दिल्ली एम्स ने बड़ी बात कही है |
कोरोना वायरस में हो चुके 1 हजार बदलाव
दिल्ली एम्स में वरिष्ठ महामारी विज्ञानी डॉ संजय राय ने कहा कि सार्स-सीओवी-2 (Coronavirus) एक ‘RNA’ वायरस है. इसके वेरिएंट में बदलाव होना तय है. उन्होंने कहा कि पहले से ही इसमें 1,000 से अधिक बदलाव हो चुके हैं. हालांकि, केवल 5 ऐसे वेरिएंट सामने आए हैं, जो चिंता का कारण बने हैं|
डॉ संजय राय ने कहा, ‘भारत ने पिछले साल कोरोना (Coronavirus) की बेहद विनाशकारी दूसरी लहर का सामना किया, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण रहा. हालांकि, अब कोरोना वैक्सीनेशन होने की वजह से लोगों में इम्यूनिटी बन गई है. इसके साथ ही भारतीयों में बना प्राकृतिक संक्रमण भी बड़ी ताकत है, जो लोगों को लंबी अवधि के लिए बेहतर सुरक्षा प्रदान करता है. भविष्य की बात की जाए तो कोरोना की किसी भी लहर का गंभीर प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है|’
‘मास्क पर ढील देने में विचार कर सकती है सरकार’
उन्होंने कहा, ‘ यह ऐसा समय है, जब भारत सरकार अनिवार्य रूप से मास्क पहनने से ढील देने पर विचार कर सकती है. हालांकि सीनियर सिटीजन और संक्रमण की चपेट में आने वाले संदिग्ध लोगों को एहतियात के तौर पर मास्क पहनना जारी रखना चाहिए |’
डॉ संजय राय ने जोर देकर कहा कि भविष्य में कोरोना वायरस के किसी भी नए वेरिएंट के उभरने की आशंका को देखते हुए सरकार को जीनोमिक सीक्वेंस समेत सार्स-सीओवी-2 की निगरानी जारी रखनी चाहिए |
‘भारत में ज्यादा संक्रामक नहीं होगा कोरोना’
एक अन्य महामारी विज्ञानी डॉ चंद्रकांत लहरिया ने कहा कि अगर भारत में कोरोना वायरस का कोई नया वेरिएंट सामने आता है, तब भी भारत में संक्रमितों की संख्या में बढोतरी होने की आशंका कम ही है |
उन्होंने कहा, ‘अगर हम सीरो सर्वेक्षण के आंकड़ों, टीकाकरण कवरेज और वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार के डेटा को देखते हैं तो इस निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकता है कि कोरोना महामारी भारत में समाप्त हो गई है. ऐसे में भारत में अगले कई महीने तक किसी नई लहर और कोरोना के नए वेरिएंट के सामने आने की आशंका बेहद कम है. यह ऐसा समय है, जब अधिकतर आबादी को अनिवार्य रूप से मास्क पहनने के नियम से छूट दी जा सकती है |’
‘लोगों में विकसित हो चुकी है इम्यूनिटी’
कुछ ऐसी ही राय सफदरजंग अस्पताल में कम्युनिटी मेडिसिन के प्रमुख डॉ जुगल किशोर ने दी है. उन्होंने कहा कि सीरो सर्वेक्षण के आंकड़े दर्शाते हैं कि आबादी का 80-90 फीसदी हिस्सा संक्रमण की चपेट में आ चुका है. यानी अब भारतीयों में प्राकृतिक इम्यूनिटी विकसित हो चुकी है. ऐसे में सरकार अब लोगों को मास्क पहनने जैसे उपायों से छूट दे सकती है |
टीकाकरण पर नैशनल कंसलटेंसी ग्रुप के कार्यकारी समूह के अध्यक्ष डॉ एन के अरोड़ा का देश में वैक्सीनेशन की हाई कवरेज रही है. ऐसे में भारत में किसी नई लहर के गंभीर प्रभाव की आशंका कम है |
कोरोना के 1761 नए मामले सामने आए
वहीं कई मेडिकल एक्सपर्ट ने कहा है कि रोजाना सामने आने वाले संक्रमण (Coronavirus) के नये मामलों और मौतों की संख्या में कुछ समय से लगातार कमी दर्ज की जा रही है. ऐसे में सरकार को मास्क पहनने में ढील देने पर विचार करना चाहिए. बता दें कि देश में रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,761 नए मामले सामने आए, जो लगभग 688 दिनों में सबसे कम रहे |

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