पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा सिंह के नाम से पांच बार टीका लेने के दो सर्टिफिकेट सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं. सविल सर्जन ने डीएम को सफाई देते हुए कहा है कि ये बेबुनियाद है.
उन्होंने कहा कि एक डॉक्टर की तो छोड़ दें किसी भी स्तर का स्वास्थ्यकर्मी इस तरह का कृत्य नहीं करेगा. किसी ने जानबूझकर उन्हें बदनाम करने की साजिश की है. यह गड़बड़ी कैसे हुई, इसकी जांच की जाएगी. जो भी इसके लिए दोषी पाए जाएंगे, उसपर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
स्वास्थ्यकर्मियों के बीच मची हलचल
सिविल सर्जन के अनुसार कोविन पोर्टल की तकनीकी खामियों का फायदा उठाकर किसी ने यह शरारत की है. इसका झूठा सर्टिफिकेट भी कोविन पोर्टल पर अपलोड कर लिया गया है लेकिन कोविन पोर्टल पर वैक्सीन लेने के साथ पैन कार्ड की कॉपी अपलोड हो जाए, ऐसा होना मुश्किल है. उन्होंने इस खबर को फैलाने के पीछे कार्यालय के किसी कर्मी की मिलीभगत से भी इनकार नहीं किया है.
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही रिपोर्ट के अनुसार प्रमाणपत्र में आठ दिन के अंतराल पर दूसरा डोज लेने की बात कही गई है. पैन कार्ड से निर्गत पहले प्रमाणपत्र में सिविल सर्जन को 28 जनवरी 2021 को पहला और 17 जून को दूसरा टीका लेने की बात कही गई है. आधार कार्ड से निर्गत दूसरे प्रमाणपत्र में 6 फरवरी 2021 को पहला, 12 मार्च को दूसरा और 13 जनवरी 2022 को बूस्टर डोज दर्शाया गया है.
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सिविल सर्जन ने कहा कि शुरुआती दौर में जब 28 दिन का अंतर दो डोज के बीच में लेना अनिवार्य था तो ऐसे में कोई आठ दिन में कैसे यह डोज ले सकता है. उन्होंने अन्य लोगों से भी भारत सरकार के गाइडलाइन के मुताबिक ही कोरोना टीके का डोज लेने की अपील की.
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