कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन के कारण पूरी दुनिया में कोविड-19 की नई लहर देखने को मिल रही है. भारत में भी तीसरी लहर के कारण प्रतिदिन लाखों लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं. इस बात पर किसी को कोई शक नहीं है कि ओमीक्रोन कोरोना वायरस के पिछले सभी वेरिएंटों से अधिक संक्रामक है. साथ ही इसको कम घातक भी माना जा रहा है.
ओमीक्रोन पर एक ताजा अध्ययन किया गया है, जो किसी को भी डराने के लिए काफी है. अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस का ओमीक्रोन वेरिएंट किसी प्लास्टिक की चीज पर 8 दिन तक जिंदा रह सकता है. यही नहीं अध्ययन में यह भी सामने आया है कि यह इंसान की त्वचा पर यह 21 घंटे तक जीवित रह सकता है.
त्वचा पर 21 घंटे तक जिंदा रहता है ओमीक्रोन
अध्ययन के अनुसार कोरोना वायरस के इससे पहले के वेरिएंट अल्फा, बीटा, गामा और डेल्टा इतने लंबे समय तक मानव शरीर पर जिंदा नहीं रह पाते थे.
हालांकि, अभी इस अध्ययन को प्री-प्रिंट पर पोस्ट किया गया है और इका पीयर रिव्यू नहीं हुआ है. अध्ययन में ओमीक्रोन का SARS-CoV-2 के वुहान स्ट्रेन और अन्य चिंताजनक वेरिएंट के साथ वायरल पर्यावरणीय स्थिरता में अंतर का विश्लेषण किया गया.
निष्कर्षों से पता चला है कि प्लास्टिक की सतहों और त्वचा पर अल्फा, बीटा, डेल्टा और ओमीक्रोन वेरिएंट शुरुआती वुहान स्ट्रेन की तुलना में दो गुना अधिक लंबे समय तक जीवित रहते हैं और त्वचा की सतहों पर 16 घंटे से अधिक समय तक यह संक्रामक बना रहे.
ओमीक्रोन शवों से लिए गए त्वचा के मॉडल पर 21.1 घंटे तक जीवित रहा, जबकि कि वुहान वाला मूल वायरस (8.6 घंटे), गामा (11 घंटे) और डेल्टा (16.8 घंटे) से कहीं अधिक समय तक जीवित रहा था. अल्फा (19.6 घंटे) और बीटा वेरिएंट (19.1 घंटे) तक त्वचा पर जीवत रहता है.
जापान में क्योटो प्रीफेक्चुरल यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा, ओमीक्रोन वेरिएंट में बाकी सभी चिंताजनक वेरिएंट के बीच सबसे अथिक पर्यावरणीय स्थिरता पायी गई है. यानी यह वातावरण में सबसे ज्यादा समय तक जीवित रह सकता है.
शोधकर्ताओं की टीम ने पाया कि ओमीक्रोन वेरिएंट प्लास्टिक सतह पर 193.5 घंटे तक जीवित रह सकता है. जबकि वुहान से निकला मूल स्ट्रेन 56 घंटे और गामा वेरिएंट 59.3 घंटे से अधिक समय तक प्लास्टिक पर जीवित रह है. इसके अलावा इस मामले में डेल्टा (114 घंटे) और बीटा (156.6 घंटे) से भी ओमीक्रोन अधिक देर तक जीवित रह सकता है. केवल अल्फा वैरिएंट ही 191.3 घंटों के साथ के समान दिखाई दिया है.
ओमीक्रोन वेरिएंट की बढ़ती रफ्तार
शोधकर्ताओं ने कहा कि इन चिंताजनक वेरिएंट की उच्च पर्यावरणीय स्थिरता, कॉन्टेक्ट ट्रांसमिशन के जोखिम को बढ़ा सकती है और इन वेरिएंट को तेजी से फैलने में मदद कर सकती है. अध्ययन से यह भी पता चला है कि अल्फा, बीटा, डेल्टा और वेरिएंट में इथेनॉल प्रतिरोध में भी मामूली वृद्धि देखी गई. हालांकि, त्वचा पर सभी वेरिएंट अल्कोहल-आधारित हैंड सैनिटाइजर के संपर्क में आने के 15 सेकंड में ही पूरी तरह से निष्क्रिय हो जाते हैं.
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