झारखंड में कोरोना वायरस के बाद अब एडिनो वायरस का खतरा मंडरा रहा है। देशभर में एच3एन2 इंफ्लुएंजा वायरस के प्रसार को देखते हुए प्रदेश में स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने सभी जिलों के लिए जरूरी गाइडलाइन जारी किया है। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों के डीसी और सिविल सर्जन को निर्देश दिया है कि सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन बेड, आईसीयू बेड, जांच और दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। उन्होंने 3टी फॉर्मूला अपनाने को कहा है। 3टी यानी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीटमेंट।
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में क्या है
स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन में कहा गया है कि एच3एन2 इंफ्लुएंजा वायरस (एडिनो वायरस) से ज्यादा खतरा बुजुर्गों, पहले से बीमार लोगों और गर्भवती महिलाओं को है। बच्चों का भी खास खयाल रखना होगा। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलों में उपायुक्तों को निर्देश दिया है कि जांच, निगरानी और रिपोर्टिंग की सुविधा सभी अस्पतालों में हो, ऐसा सुनिश्चित करें। गौरतलब है कि रिम्स अस्पताल में एच3एन2 इंफ्लुएंजा वायरस की जांच के लिए मशीन तो है लेकिन किट नहीं है। यही वजह है कि सैंपल कलेक्ट करने के बाद वायरस की पुष्टि के लिए इसे कोलकाता भेजना होगा। अपर मुख्य सचिव ने प्रदेशवासियों से अपील की है कि वे सभी कोरोना गाइडलाइन का पालन करें और किसी भी परिस्थिति में पैनिक ना करें।
कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करें
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में लोगों से कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने को कहा गया है। अपील की गई है कि यदि लक्षण दिखें तो अविलंब कोविड और एडिनो वायरस की जांच कराएं। प्रशासन से कहा गया है कि एच3एन2 इंफ्लुएंजा के लक्षणों की पहचान कर लोगों को जागरूक करें। सभी जिलों में बेड, दवाइयां और बाकी उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सभी जिलों में सतर्कता बढ़ाते हुए 3टी यानी टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की रणनीति अपनाएं।
मंत्रालय ने लोगों से कुछ जरूरी सावधानियां बरतने को कहा है
- खांसते और छींकते समय टीशू पेपर और रूमाल का इस्तेमाल करें
- भीड़भाड़ वाले स्थानों पर जाते समय मास्क लगाएं। सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकें
- मौसमी बीमारी से पीड़ित व्यक्ति भीड़वाली जगहों पर जाने से बचें
- आंख और नाक को छूने से बचें। हाथों को नियमित रूप से सेनिटाइज करें। साबुन का इस्तेमाल करें
- लक्षण दिखते ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र को सूचना दें।
- सांस की बीमारी से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचें
चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि अभी आकलन नहीं किया जा सका है कि एडिनो वायरस कितना गंभीर है या कितना घातक साबित हो सकता है। फिलहाल, घबराने की जरूरत नहीं है। बस एहतियात बरतें। बुजुर्गों और मौसमी बीमारी से पीड़ित व्यक्तियों का खास खयाल रखें।
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