अब तक अपने कोविड प्रबंधन के लिए मशहूर रहा चीन फिलहाल कोरोना वायरस के आगे लाचार नजर आ रहा है। इसे काबू में रखने के लिए युद्ध स्तर पर की जा रही सरकारी कोशिशों के बावजूद लगभग रोज नए संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है। इस समय रोजाना उतने नए मामले में सामने आ रहे हैं, जितने 2019 में इस महामारी की पहचान के बाद से कभी नहीं आए।
चीन पर ये कहर कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट और इस वैरिएंट के उप-संस्करण बीए.2 ने ढाया है। बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्र को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि जो जोखिम सामने है, उसे देखते हुए हमें लकवाग्रस्त स्थिति उबरना होगा।
अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के सामने आने के बाद से मौजूदा हालत चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन कर उभरा है।
बुधवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने राष्ट्र को संबोधित किया। इसमें उन्होंने कहा कि जो जोखिम सामने है, उसे देखते हुए हमें लकवाग्रस्त स्थिति उबरना होगा। वायरस से लड़ाई में थक कर हम चीजों को संयोग के भरोसे नहीं छोड़ सकते। हमें बचाव और नियंत्रण के उपायों को सख्ती से लागू करना होगा। अमेरिकी टीवी चैनल सीएनएन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कोविड-19 के सामने आने के बाद से मौजूदा हालत चीन के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन कर उभरा है।
हफ्तों से लोग खाद्य पदार्थों के अभाव, संक्रमण ग्रस्त लोगों को सामूहिक क्वारैंटीन सेंटर में ले जाने में देर और कुछ मोहल्लों में आम प्रशासनिक अफरातफरी का सामना करना पड़ा है।
चीन के सरकार समर्थक अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में लिखा है कि बेशक यह शंघाई के लिए सबसे कठिन समय है, जहां इंटरनेट लोगों के गुस्से वाले पोस्ट्स से पट गया है। ग्लोबल टाइम्स के संवाददाता ने गुरुवार को शंघाई के दर्जन भर निवासियों से बात की, तो ये सामने आया कि वहां लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हफ्तों से लोग खाद्य पदार्थों के अभाव, संक्रमण ग्रस्त लोगों को सामूहिक क्वारैंटीन सेंटर में ले जाने में देर और कुछ मोहल्लों में आम प्रशासनिक अफरातफरी का सामना करना पड़ा है।
अभी के हाल की चर्चा करते हुए चीन विशेषज्ञ यानझोंग हुआंग ने सीएनएन से कहा- ‘आप कह सकते हैं कि फिलहाल देश अलग-अलग द्वीपों में बंट-सा गया है।
शी ने स्थानीय अधिकारियों को आदेश दिया है कि वायरस का प्रसार रोकने के लिए वे हर संभव कदम उठाएं। ये कदम इस ढंग से उठाए जाएं, जिससे आर्थिक और सामाजिक विकास न्यूनतम प्रभावित हो। चीन अब तक जीरो कोविड की नीति पर चलता रहा है। कुछ महीनों पहले तक ये नीति कामयाब नजर आती थी। लेकिन हाल के हफ्तों में जिस तरह से महामारी यहां फैली है, उससे अब इस नीति पर भी सवाल उठाए जा रहे हैँ।
कुछ हलकों से यह आलोचना हुई है कि जीरो कोविड नीति के बावजूद देश भर में अधिकारियों ने सतर्कता छोड़ दी थी। इसका खराब नतीजा हुआ है। अभी के हाल की चर्चा करते हुए चीन विशेषज्ञ यानझोंग हुआंग ने सीएनएन से कहा- ‘आप कह सकते हैं कि फिलहाल देश अलग-अलग द्वीपों में बंट-सा गया है।
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