लगातार कोरोना के बढ़ रहे मामले लोगों को बहुत ज्यादा डरा रहे है. इससे बचने का सिर्फ एक ही रास्ता है कि हम सब कोरोना से बचने के नियम का पालन करे. मौजूदा वैश्विक साक्ष्यों के अनुसार कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले करीब 10-20 फीसद लोगों को कुछ न कुछ स्वास्थ्य संबंधित शिकायत रहती ही है।
भारती प्रवीण पवार ने राज्यसभा में भी दो दिन पहले लिखित जवाब में कहा था कि सरकार एक संचार रणनीति के तहत काम कर रही है और इसके माध्यम से सभी राज्यों और संघ शासित क्षेत्र द्वारा कोविड-19 की सुरक्षा और प्रभावकारिता के बारे में जागरूकता बढ़ाने तथा आत्मतुष्टि, टीके की हिचकिचाहट को दूर करने के साथ ही टीके के संबंध में भरोसा बनाए रखने के लिए कार्यान्वित की जाती है।
कोरोना वायरस से ठीक होने के बाद भी आ रही है स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2021 को कोविड के बाद मैनेजमेंट को लेकर गाइडलाइंस जारी किए। स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में आज यह लिखित जवाब में जानकारी दी।
पवार ने अपने जवाब में कहा, ‘विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार देश भर से ऐसे साक्ष्य मिल रहे हैं जिसके अनुसार कोरोना वायरस से पूरी तरह ठीक होने के बाद भी 10-20 फीसद लोगों में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं देखने को मिलती रहीं।’ उन्होंने बताया कि हर घर दस्तक अभियान का दूसरा चरण 1 जून 2022 से 31 जुलाई 2022 तक पूरे देश में लागू किया गया है. यह जानकारी आज लोकसभा में शेयर की गई।
इस गाइडलाइन के तहत डाक्टरों को भी कुछ निर्देश दिए गए। इसमें कोरोना वायरस संक्रमण से ठीक होने के बाद होने वाली स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियों को लेकर सलाह दी गई है। पवार से कोरोना के बाद लंबे समय तक स्वास्थ्य परेशानियों से जुड़ा सवाल पूछा गया था।कोरोनावायरस के लगातार बढ़ रहे मामलों को रोकने का सबसे बड़ा रास्ता यही है कि कोरोना गाइडलाइन का अच्छे तरह से पालन करे.
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