दुनियाभर में कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन आंतक मचा रहा है. इस वजह से दुनिया के कई देशों में कोरोना की नई लहर दर्ज की गई है. तो वहीं भारत में भी तेजी से ओमिक्रॉन का प्रसार हो रहा है,और संक्रमण के मामलों में रोज बढ़ोतरी तर हो रही है.
हालांकि दुनियाभर में इससे पहले कोरोना के अल्फा, बीटा, डेल्टा जैसे वैरिएंट फैल चुके हैं. इस वजह से भारत समेत दुनिया की बड़ी आबादी पहले ही कोरोना से संक्रमित हो चुकी है. ऐसे में यह सवाल उठने लगने है कि क्या पहले कोरोना से ठीक हो चुके लोगों को भी ओमिक्रॉन संक्रमित करेगा. हालांकि पहले संक्रमित हो चुके कई लोग शरीर में इम्यूनिटी होने का हवाला देते हुए ओमिक्रॉन से संक्रमण की संभावना को नाकार रहे हैं,
लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि कोरोना से पहले ठीक हो चुके लोगों को भी कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट दोबारा संक्रमित कर सकता है. WHO ने कहा है कि यह वैरिएंट लोगों की इम्यूनिटी को धोखा देते हुए लोगों को संक्रमित कर सकता है. वहीं जिनका टीकाकरण नहीं हुआ था और जिन्हें कई महीने पहले टीका लगाया गया था, यह उनकों को भी संक्रमित कर सकता है.
डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन से संक्रमित होने की संभावना 3 से 5 गुना
WHO ने अपनी वेबसाइट पर जारी एक नोट में कहा है कि जो लोग पहले कोरोना से ठीक हो चुके हैं, उनमें डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमित होने की संभावना 3 से 5 गुना अधिक है. हालांकि WHO ने यह जोड़ा है कि अभी तक ऐसे कोई सबूत नहीं है कि कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तरह संक्रमित व्यक्ति को गंभीर रूप से बीमार कर सकता है. मालूम हो कि भारत में डेल्टा वैरिएंट की वजह से दूसरी लहर विनाशकारी हुई थी.
20 से 30 साल वाले युवाओं को अधिक संक्रमित बना रहा है ओमिक्रॉन
WHO ने कहा है कि कोरोना का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन मौजूदा समय में युवाओं को अधिक संक्रमित कर रहा है. जिसमेंं 20 से 30 साल के युवा शामिल हैं. WHO ने कहा है कि ओमिक्रॉन शुरू में बड़े शहरों के साथ ही सामाजिक और कार्यस्थल समारोहों से जुड़े समूहों में फैल रहा है.
ओमिक्रॉन वैरिएंट कम खतरनाक
कोरोना का ओमिक्रॉन वैरिएंट कितना खतरनाक है, इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक पुष्टि नहींं हुई है, लेकिन कुछ अध्ययनों में कहा गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट की तुलना में कम खतरनाक है.
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग ने इस सप्ताह की शुरुआत में बताया था कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की उत्पति अधिक इम्यूनिटी और वायरस के कई म्यूटेशन के मिश्रण से हुई है. जो पिछले वैरिएंट की तुलना में बहुत कम गंभीर बीमारी का कारण बनता है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट ओमाइक्रोन पर चल रहे अध्ययनों पर आधारित थी, जिसमें दक्षिण अफ्रीका भी शामिल है, जहां सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट देखा गया था.
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