कोरोना वायरस का इलाज करने वाली दवाओं की जानकारी से इंटरनेट भरा पड़ा है लेकिन सच ये है कि आज भी कोरोना का शर्तिया इलाज करने वाली दवा की तलाश जारी है. इस बीच WHO ने दो दवाओं को लेकर बड़ा दावा किया है.
WHO ने की इन दवाओं की सिफारिश
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुतबाकि यह दवाएं कोरोना का इलाज कर सकती हैं और नई सिफारिशों के मुताबिक 4000 मरीजों पर किए गए 7 ट्रायल के बाद इस नतीजे पर पहुंचा गया है. इन दवाओं की हकीकत और बाजार में मौजूद हर वो दवा जिसे कोरोना का इलाज बताया जा रहा है, उनमें से कौन सी आपके काम की है और कौन सी नहीं, ये आज हम आपको सिलसिलेवार तरीके से बताएंगें.
दरअसल कोरोना के इलाज के लिए WHO ने दो नई दवाओं की सिफारिश की है. पहली दवा है बेरिसिटिनिब ये दवा गठिया यानी Rheumatoid Arthritis के इलाज में इस्तेमाल की जाती है. कोरोना के गंभीर मरीज को ये दवा वेंटिलेटर पर जाने से बचाती है. इस दवा को स्टेरॉयड के साथ दिए जाने की सलाह दी गई है.
भारत में कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए ये दवा पहले से इस्तेमाल में है. ऐसे मरीज जिन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट की जरूरत पड़ती है और वो अस्पताल में भर्ती हैं, उन्हें ये दवा दो हफ्ते तक दी जाती है.
पॉजिटिव होने से पहले लें ये दवा
ऐसे मरीज जिनकी हालत गंभीर नहीं है लेकिन वो हाई रिस्क वाले हैं उनको मोनोक्लोनल एंटीबॉडी दवा सोटरोविमैब (Sotrovimab) देने की सलाह दी गई है. इसी के साथ WHO ने Casirivimab-Imdevimab कॉम्बिनेशन एंटीबॉडी कॉकटेल देने की भी सिफारिश की है. ये कोरोना पॉजिटिव होने के पहले दिन ही दे दी जाती है.
भारत में Casirivimab-Imdevimab कॉम्बिनेशन एंटीबॉडी कॉकटेल भी पहले से ही कई मरीजों को दी जा रही है. कई हेल्थ केयर वर्कर और डॉक्टर संक्रमित होने के पहले दिन ही मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन लेकर कोरोना का इलाज करवा रहे हैं. हालांकि एंटीबॉडी से इलाज थोड़ा महंगा है लेकिन इस दवा को लेने के 4-5 दिन के अंदर ही मरीज कोरोना नेगेटिव हो जाता है.
इस दवा को लेकर बरतें सावधानी
तीसरी दवा है मोलनुपिरावीर (Molnupiravir) ये दवा कोरोना के इलाज की इकलौती मुंह से ली जाने वाली टैबलेट है. दावा है कि इस दवा से मरीज ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की जरूरत से बच जाता है. भारत में ये दवा कई मरीजों को लिखी जा रही है. हालांकि इस दवा को लेकर एक्सपर्ट सावधान कर रहे हैं. इस दवा को 18 वर्ष से कम को नहीं दिया जा सकता.
ये दवा हड्डियों की ग्रोथ पर बुरा असर डालती है. इसके अलावा युवाओं खासतौर पर अविवाहित लड़कियों को ये दवा देने से प्रजनन क्षमता प्रभावित हो सकती है. गर्भवती महिला को भी ये दवा नहीं दे सकते. स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दवा को क्लीनिकल प्रोटोकॉल में शामिल नहीं किया है.
कौन सी दवा है सुरक्षित?
डॉक्टरो के मुताबिक ओमिक्रॉन संक्रमित ज्यादातर मरीज हल्के लक्षण वाले हैं. हल्के बुखार में कुछ लिए बिना दो दिन में ही आराम आ जाता है. 100 डिग्री फारेनहाइट से ऊपर बुखार होने पर पैरासिटामोल की दवा से ही आराम आ जाता है. बच्चों को खांसी होने पर Budecort इनहेलर दिया जा सकता है. इसके अलावा गर्म तरल चीजें लेने से फायदा होता है. सरकार ने Hydroxicloroquin, Ivermectin और बाकी दवाएं लेने से साफ मना किया है.
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