बाल तस्करी, बाल श्रम और बाल विवाह रोकना तथा बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करना आयोग की प्राथमिकता
झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग, झारखण्ड सरकार के सदस्य विकास दोदराजका, उज्जवल तिवारी और रूचि कुजुर की तीन सदस्यीय टीम ने सरायकेला-खरसवां के जिला मुख्यालय सरायकेला में भ्रमण कार्यक्रम सह प्रशासनिक बैठक में हिस्सा लिया। बैठक में बाल अधिकार एवं संरक्षण से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर पदाधिकारियों के साथ चर्चा की गई। विशेष कर जिले में व्याप्त बाल तस्करी के मुद्दे तथा बाल विवाह पर अंकुश लगाने पर चर्चा हुई। इससे पहले सद्स्यों के परिसदन भवन पहुंचने पर बाल कल्याण समिति और बाल संरक्षण पदाधिकारियों के सदस्यों के द्वारा पारम्परिक रीति रीवाज से सदस्यों का स्वागत किया गया।
जिला की वस्तु स्थिति का आकलन
बैठक में बाल कल्याण समिति के पदाधिकारियों से जिला की वस्तु स्थिति का आकलन कर झारखण्ड राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सदस्यों रूचि कुजुर, उज्जवल प्रकाश तिवारी और विकास दोदराजका ने सभागार में विभिन्न प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में अनुमंडल पदाधिकारी राम कृष्ण, विशेष बाल पुलिस इकाई के अधिकारी चन्दन कुमार वत्स, जिला शिक्षा पदाधिकारी जितेंद्र कुमार सिन्हा, डी एस ई चार्ल्स हेमब्रॉम, डी एस डबल्यू ओ शिप्रा सिन्हा, श्रम अधीक्षक अविनाश ठाकुर, सी डी पी ओ, खनन विभाग, जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष रोहित कु महतो , सदस्यगण रविशंकर प्र गुप्ता, जुझार सोरेन तथा बाल संरक्षण पदाधिकारी संतोष ठाकुर इत्यादि उपस्थित थे।
झारखंड को बाल-मित्र राज्य और बाल अधिकार अधिनियम के अनुरूप बनाना है
आयोग द्वारा बताया गया कि बच्चों की शिक्षा और सुरक्षा का अनुपालन प्राथमिकता है, झारखंड को बाल-मित्र राज्य और बाल अधिकार अधिनियम के अनुरूप बनाना है, सभी के सहयोग से यह संभव बन सकता है। बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्कारी जैसे अभ्यास पूर्णतः बंद होने चाहिए, इस संबंध में जिले की आवश्यकता की समीक्षा कर बाल संरक्षण, शिक्षा, स्वास्थ्य पदाधिकारीयों, श्रम अधीक्षक, विशेष बाल पुलिस इकाई के पदाधिकारीयों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया। साथ ही शिक्षा पदाधिकारीयों को निर्देश दिया गया कि विद्यालयों में ड्रॉप आउट बच्चों की स्थिति, स्कूल के गैर शिक्षण कर्मचारियों सहित बस चालकों के चरित्र प्रमाण पत्र और बी पी एल विद्यार्थियों कि शिक्षा भी सुनिश्चित किया जाय।
बच्चों को नशापान से बचाने हेतु अभिभावकों के संग आवश्यक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का भी निर्देश दिया गया।
जिले में बाल गृह, संप्रेक्षण गृह और विशेष दत्तक ग्रहण की स्थापना पर भी आवश्यक निर्देश दिए गए।आयोग के सदस्य उज्जवल प्रकाश तिवारी, रूचि कुजुर और विकास दोदेरजका ने बताया कि दिए गए दिशा निर्देश अनुपालन सुनिश्चित कर अगले समीक्षा बैठक में समीक्षा किया जायेगा।
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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