शायद 21वीं सदी का सबसे मशहूर ‘सेब’, ‘एप्पल’ है, यानि एप्पी कंपनी का लोगो। एक तरफ से बाइट लिया हुआ सेब। इसे 1977 में रॉब जेनॉफ ने डिजाइन किया था।एप्पल को एप्पल नाम देने का आइडिया इसके संस्थापकों में एक रहे स्टीव जॉब्स का था। उन्होंने बताया था कि एक बार जब वे सेब के एक बगीचे से लौट रहे थे, तो उन्हें कंपनी का नाम एप्पल रखने का विचार आया।
आईफोन बनाने वाली कंपनी एप्पल की मार्केट वैल्यू सोमवार को अमेरिकी शेयर मार्केट पर थोड़ी गिरने से पहले 3 ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर के ऊपर चली गई। भले ही एप्पल इस कीमत को बरकरार नहीं रख पाई हो लेकिन यह बात कंपनी में निवेशकों के विश्वास को साफ तौर पर दिखाती है।एप्पल 3 ट्रिलियन डॉलर यानी 30 खरब डॉलर का मार्केट कैप छूने वाली दुनिया की पहली कंपनी बन गई है। रुपयों में यह रकम करीब 2.24 लाख अरब रुपये होगी।
भागता शेयर का दाम
दुनिया की सबसे कीमती कंपनी पर लगातार निवेशकों का भरोसा बना हुआ है। अब भी आईफोन और मैकबुक की भारी बिक्री इसकी वजह है।इसके साथ ही एप्पल टीवी और एप्पल म्यूजिक से भी कंपनी की कमाई हो रही है। अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज पर एप्पल 1980 से ही लिस्टेड है। स्टीव जॉब्स के कार्यकाल के दौरान 1997 से 2011 तक एप्पल ने लगातार नए शिखर छुए।अब टिम कुक के नेतृत्व में भी कंपनी के शेयरों के दाम लगातार नई ऊंचाइयां तय कर रहे हैं।
4-5 ट्रिलियन डॉलर पहुंचना मुश्किल भरा
रिफिनिटिव के आंकड़ों के मुताबिक एप्पल का मार्केट वैल्यूएशन एसएंडपी 500 इंडेक्स के कुल वैल्यूएशन का लगभग 7 फीसदी है।यह किसी कंपनी का इंडेक्स में अब तक का सबसे बड़ा हिस्सा है।जैसे-जैसे महामारी खत्म होती जा रही है, आईफोन निर्माता को थोड़ा संघर्ष भी करना पड़ सकता है. अगला बड़ा उत्पाद क्या होगा, यह अभी साफ नहीं है। ऐसे में इसके लिए दो से तीन ट्रिलियन तक पहुंचना जितना आसान रहा है, उतना आसान चार या पांच ट्रिलियन तक पहुंचना नहीं होगा।”
सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद
एप्पल सबसे ज्यादा बिकने वाले उत्पाद आईफोन पर अपनी निर्भरता को कम करना चाहता है। और इसकी भविष्य की योजनाएं सेल्फ-ड्राइविंग कारों और एआई से जुड़ी हैं। लेकिन अब भी इसकी आधी से ज्यादा कमाई आईफोन से ही होती है।
भारत की अर्थव्यवस्था पर भारी पड़ी एप्पल
यह जानना भी रोचक है कि एप्पल की मार्केट वैल्यू यूरोप के ज्यादातर शेयर बाजारों में लिस्टेड कुल कंपनियों से भी ज्यादा है। इतना ही नहीं एप्पल की मार्केट वैल्यू भारत की अर्थव्यवस्था के कुल आकार से ज्यादा हो चुकी है और जर्मनी की कुल अर्थव्यवस्था के करीब पहुंच रही है।
भारत के एलावा इन देशों की जीडीपी से ज्यादा वैल्यू
एप्पल की मार्केट वैल्यू भारत, ब्रिटेन, फ्रांस, इटली और कनाडा समेत 197 देशों की जीडीपी से कहीं ज्यादा है।
एप्पल ने अगस्त 2018 में एक ट्रिलियन का आंकड़ा छुआ था। इसके बाद उसने 2 ट्रिलियन का मुकाम अगस्त 2020 में हासिल कर लिया।
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