
वनस्पति तेलों पर बढ़ती महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ने के साथ शादी समारोह आयोजकों का सर्वाधिक बजट बिगाड़ा है।
खाद्य तेल व्यापारियों के अनुसार रूस-यूक्रेन युद्ध की बात कर पॉम ऑयल पर महंगाई बढ़ जाने की बात की जा रही है। सहालगों के चलते सभी प्रकार के खाद्य तेलों पर पिछले महीनों की अपेक्षा काफी महंगाई बढ़ी है।
खाद्य तेल कारोबारियों के अनुसार महंगाई की शुरुआत रुस-यूक्रेन युद्ध के समय से हुई। सूरजुखी तेल की आड़ में तेल कंपनियों ने अन्य कई किस्म के दाम बढ़ा दिए। जबकि इनका आयात युद्ध से प्रभावित क्षेत्रों से नहीं होता। सबसे ज्यादा महंगाई पॉम ऑयल में चौका रही है।
इसके दाम बढ़ने से वनस्पति घी रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुका है। खाद्य तेल कारोबार राजीव जैन ने बताया कि आयात में दिक्कतों के कारण खाद्य तेलों के दाम बढे थे, लेकिन बडे कारोबारियों की मुनाफा खोरी लगातार बढ़ रही है। वर्तमान समय में वनस्पति घी के 25 किलो के टिन के दाम 2500 रुपये के स्तर को पार कर गए है। जबकि सोया रिफाइंड के जाने माने ब्रांड के टिन 28 सौ रुपये तक पहुंच चुकें है। उन्होंने बताया कि 10 जुलाई तक चलने वाले सहालगों के बाद ही महंगाई कम होने की उम्मीद है।

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