झारखंड में उद्योगों और खनन परियोजनाओं के लिए लगाए गए कैप्टिव पावर प्लांट को अब 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली शुल्क चुकाना होगा। पहले कैप्टिव पावर प्लांट को शुल्क नहीं देना पड़ता था।
शुल्क राज्य सरकार को भरना होगा
इस विधेयक में खनन, वाणिज्यिक एवं औद्योगिक इकाइयों के जेनरेटर सेट लगाए जाने पर किसी प्रकार का टैक्स नहीं लगेगा। जिन औद्योगिक इकाइयों और खनन परियोजनाओं ने पावर स्टेशन की स्थापना की है तो उन्हें 50 पैसे प्रति यूनिट की दर से विद्युत शुल्क का भुगतान राज्य सरकार को करना होगा।
जुलाई में पास हुआ था सदन से
इससे पहले सात जुलाई को झारखंड विद्युत शुल्क(संशोधन) अधिनियम 2021 पारित किया गया था। इसमें घरेलू, एलटी, एचटी,धार्मिक स्थल आदि में विद्युत शुल्क छह प्रतिशत निर्धारित की गई थी। औद्योगिक, एचटी, खनन आदि में 10 एमवीए तक लोड लेने वालों पर आठ प्रतिशत और 10 एमवीए से ऊपर के लोड वालों पर 15 प्रतिशत की दर से बिजली शुल्क का निर्धारण किया गया है। सिंंचाई एवं कृषि को इससे मुक्त रखा गया ह। इस विधेयक में कैप्टिव पावर प्लांट का उल्लेख नहीं किया गया था। इसी वजह से कैप्टिव पावर प्लांट के लिए अलग से संशोधन विधेयक लाया गया।
इरफान अंसारी ने पूछा, कितने कुएं बने
विधायक इरफान अंसारी का सवाल था कि राज्य में मनरेगा योजना से कितने ङ्क्षसचाई कूपों को निर्माण हुआ है। दो वर्षों में धीमी रफ्तार पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि अधिकारी कूप योजना को लेकर दिग्भ्रमित कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। जवाब देते हुए ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि पिछले दो वित्त वर्षों में 64344 कूपों के निर्माण के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की गई। इनमें से 6225 कूपों का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और 47835 कूपों के निर्माण का काम शुरू हुआ है।
पोषण सहिया का मानदेय केंद्र से बंद : जोबा मांझी
राज्य में पोषण सहिया को नौ महीने से मानदेय नहीं मिलने से संबंधित एक प्रश्न के जवाब में मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि केंद्र सरकार ने यह रोक लगाई है। राज्य सरकार उनका भुगतान करने के लिए गंभीरता से विचार कर रही है और बहुत जल्द उनका भुगतान कर दिया जाएगा। मामले में अध्यक्ष के कहने पर उन्होंने दो महीने की समय सीमा में भुगतान कराने की बात कही।
बादल ने कहा, हम जुमला नहीं छोड़ते
विधायक विनोद कुमार ङ्क्षसह ने हजारीबाग-बगोदर पथ की बदहाली पर सवाल उठाते हुए इसकी मरम्मत के बाद में जानकारी मांगी थी। जवाब देते हुए मंत्री बादल ने कहा कि इस सड़क के निर्माण को लेकर डीपीआर 25 नवंबर को भेज दी गई है, जो 248 करोड़ रुपये की है। जवाब सुनने के बाद विधायक विनोद कुमार ङ्क्षसह ने कहा कि केंद्रीय मंत्री कहते हैं कि सड़कों के लिए डीपीआर मिलते ही पैसा देंगे। इस बात पर मंत्री ने कहा कि हम जुमला नहीं छोड़ते।
अन्य विधायकों ने भी उठाए सवाल
विधायक राजेश कच्छप ने संविदा कर्मियों को गृह जिला और गृह प्रखंड में प्रतिनियुक्त करने की मांग की। कहा, इन्हें बहुत कम मानदेय मिलता है और ऐसे में घर से दूर काम करना दूभर होगा। विधायक रामचंद्र ङ्क्षसह ने पंचायत सचिवों से संबंधित सवाल उठाया और उनकी दुर्दशा पर ध्यान देने का आग्रह किया। बिरंची नारायण ने बोकारो में एयरपोर्ट बनने में हो रही देर के मुद्दे पर सवाल पूछा। वहीं, मथुरा महतो ने बाघमारा, तेतुलमारी, काको पथ की मरम्मत से संबंधित सवाल पूछा।
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