रूस–यूक्रेन के बीच युद्ध के कारण अनाज सहित ऊर्जा की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है, जिससे सप्लाई चेन में रुकावट आ रही है. आईएमएफ ने चेतावनी देते हुए कहा कि कीमतों में बढ़ोतरी प्रभाव दुनियाभर में पड़ेगा |
युद्ध जारी रहना पड़ेगा भारी
आईएमएफ के मुताबिक, महंगाई का प्रभाव खासकर गरीब परिवारों पर पड़ेगा, जिनके लिए भोजन और ईंधन खर्च का एक उच्च अनुपात है. अगर रूस–यूकेन में युद्ध जारी रहा तो आर्थिक नुकसान और अधिक विनाशकारी होगा |
कई देशों को झेलना पड़ेगा संकट
रूस पर प्रतिबंधों का वैश्विक अर्थव्यवस्था और वित्तीय बाजारों पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा, अन्य देशों के लिए महत्वपूर्ण स्पिलओवर होगा. कई देशों में संकट पहले से ही बढ़ी हुई महंगाई के रूप में बना हुआ है |
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Inflation पर रखनी होगी नजर
मौद्रिक अधिकारियों को उचित प्रतिक्रियाओं को जांचने के लिए घरेलू मुद्रास्फीति में बढ़ती अंतरराष्ट्रीय कीमतों के पास–थ्रू की सावधानीपूर्वक निगरानी करने की जरूरत होगी |
बढ़ती जीवन लागत को ऑफसेट करने में मदद करने के लिए राजकोषीय नीति को सबसे कमजोर परिवारों का समर्थन करने की जरूरत होगी. विश्व अर्थव्यवस्था महामारी संकट से उबरने के साथ–साथ ये संकट नीतिगत परिदृश्य को और जटिल करते हुए जटिल नीतिगत ट्रेडऑफ का निर्माण करेगा |
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