अगर आप भी घर बैठ कर ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है. अब ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना महंगा होगा. दरअसल, जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) जैसे ऑनलाइन ऐप-आधारित फूड डिलिवरी प्लेटफार्मों (Food delivery App) को अब 5 प्रतिशत GST देना होगा.
GST काउंसिल की मीटिंग में हुआ फैसला
बता दें, लंबे समय से फूड डिलीवरी सर्विसेज को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग चल रही थी, जिसके बाद इसी साल 17 सितंबर को हुए GST काउंसिल की बैठक में इस मांग को मंजूरी भी मिल गई थी. सरकार ने खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों पर 5% GST लगाया गया है. अभी तक रेस्टोरेंट इस टैक्स को चुकाते हैं, मगर नए नियम के लागू होने से फूड डिलीवरी कंपनियां इस टैक्स को अदा करेंगे. इस नई व्यवस्था को देशभर में 1 जनवरी 2022 से शुरू किया जाएगा.
कंपनियां वसूलेंगी ग्राहकों से पैसे
हालांकि, यूजर्स पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है क्योंकि यह पहले ही क्लियर किया जा चुका है कि सरकार यह टैक्स ग्राहकों से नहीं, बल्कि ऐप कंपनियों से वसूलेगी. लेकिन यह तो हमेशा से ही होता रहा है कि अगर सरकार की ओर से किसी कंपनी पर कोई बोझ पड़ता है तो ऐप कंपनियां किसी ने किसी तरीके से उसे ग्राहकों से ही वसूलती हैं. ऐसे में नया साल ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने वालों के लिए भारी पड़ने वाला है.
कैसे काम करेगा ये नया नियम
जीएसटी के नए नियम के बाद फूड एग्रीगेटर एप्स की ये जिम्मेदारी होगी वो जिन रेस्टोरेंट के जरिए सर्विस प्रोवाइड करा रहे हैं उनसे टैक्स कलेक्ट करें और उसे सरकार के पास जमा कराएं. पहले रेस्टोरेंट जीएसटी कलेक्ट तो करते थे पर इसे सरकार के पास जमा कराने में अनियमितता रहती थी.
खाने-पीने के ये सामान भी होंगे महंगे
खाने-पीने के सामान में कार्बोनेटेड फ्रूट ड्रिंक महंगा हुआ है. इस पर 28% का GST और उसके ऊपर 12% का कंपनसेशन सेस लगेगा. इससे पहले इस पर सिर्फ 28% का GST लग रहा था. इसके अलावा आइसक्रीम खाना महंगा हो जाएगा. इस पर 18% टैक्स लगेगा. मीठी सुपारी और कोटेड इलायची अब महंगी पड़ेगी. इस पर 5% GST लगता रहा था जो अब 18% हो गया है.
अगर आप भी घर बैठ कर ऑनलाइन खाना ऑर्डर करते हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है. अब ऑनलाइन फूड ऑर्डर करना महंगा होगा. दरअसल, जोमैटो (Zomato) और स्विगी (Swiggy) जैसे ऑनलाइन ऐप-आधारित फूड डिलिवरी प्लेटफार्मों (Food delivery App) को अब 5 प्रतिशत GST देना होगा.
ऑनलाइन फूड के रेट 1 जनवरी 2022 से बढ़ जाएंगे.
GST काउंसिल की मीटिंग में हुआ फैसला
बता दें, लंबे समय से फूड डिलीवरी सर्विसेज को भी जीएसटी के दायरे में लाने की मांग चल रही थी, जिसके बाद इसी साल 17 सितंबर को हुए GST काउंसिल की बैठक में इस मांग को मंजूरी भी मिल गई थी. सरकार ने खाना डिलीवर करने वाली कंपनियों पर 5% GST लगाया गया है. अभी तक रेस्टोरेंट इस टैक्स को चुकाते हैं, मगर नए नियम के लागू होने से फूड डिलीवरी कंपनियां इस टैक्स को अदा करेंगे. इस नई व्यवस्था को देशभर में 1 जनवरी 2022 से शुरू किया जाएगा.
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