शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस पर शुरू हुई इस यात्रा का समापन होगा गांधीजी के शहादत दिवस पर
7 दिसंबर की शाम महान साहित्यकार स्व. विभूति भूषण बंदोपाध्याय के निवास स्थान गौरीकुंज, घाटशिला होगा सांस्कृतिक उद्घाटन कार्यक्रम
भारतीय जन नाट्य संघ (इप्टा) की पहल पर कई सामाजिक संगठनों के सहयोग से देश व्यापी अभियान के तहत विगत 28 सितंबर से राजस्थान के अलवर से प्रारंभ “ढाई आखर प्रेम” की सांस्कृतिक यात्रा 7 दिसंबर को झारखण्ड पहुंच रही है और इस क्रम में 8 से 12 दिसंबर तक यह यात्रा पूर्वी सिंहभूम ज़िले के विभिन्न स्थानों से होकर गुज़रेगी.
कई संगठनों का है सहयोग
इसकी तैयारियों की जानकारी साझा आज 6 दिसंबर को साकची में आयोजित प्रेस-वार्ता में की गई. बताया गया कि यात्रा की शुरुआत शहीद भगत सिंह के जन्म दिवस, 28 सितंबर को राजस्थान के अलवर में की गई और समापन महात्मा गांधी के शहादत दिवस यानि 30 जनवरी को दिल्ली में किया जाएगा. इस यात्रा में इप्टा के अलावे कई अन्य सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों के सक्रिय सदस्य शामिल हैं, जिनमें जलेस (जनवादी लेखक संघ), गांधी शांति प्रतिष्ठान, पथ, गोम्हेड़, प्रगतिशील लेखक संघ, जनवादी लेखक संघ, जन संस्कृति मंच, द अंब्रेला क्रिएशंस, ह्यूमन वेलफेयर ट्रस्ट व कला मंदिर – सेलुलॉयड चैप्टर, लोक आलोक और मशाल न्यूज़.
झारखण्ड में यह यात्रा 8 से 12 दिसंबर की अवधि में घाटशिला से जमशेदपुर के बीच होगी. इसकी पूर्व संध्या पर यानि 7 दिसंबर की शाम महान साहित्यकार स्व. विभूति भूषण बंदोपाध्याय के निवास स्थान गौरीकुंज, घाटशिला में एक सांस्कृतिक उद्घाटन कार्यक्रम होगा और सांकेतिक रूप से गौरीकुंज से मउभंडार तक पदयात्रा होगी.
यात्रा कहां से कहां तक
अगली सुबह यानि 8 दिसंबर को मउभंडार से धरमबहाल, एदेलबेड़ा, झांपड़ीशोल, बनकाटी, हेन्दलजुड़ी होते हुए कालाझोर में रात्रि में विश्राम होगा. 9 दिसंबर को राजबासा, खड़ियाडीह, होते हुए गालूडीह तक यात्रा होगी. 10 दिसंबर को यह यात्रा गालूडीह बराज पार करते हुए दिगड़ी मोड़, राखा, माटीगोड़ा, जादूगोड़ा से लुगु मुर्मू स्कूल, भाटिन पहुंचेगी. 11 दिसंबर को सोसोघुटू, झारिया, धोबनी, जादूगुट्टू, बाड़ेगुट्टू, डूंगरीडीह से गुज़रते हुए यात्रा राजदोहा पहुंचेगी और अंतिम दिन यानि 12 दिसंबर को वहां से मुर्गाघुटू, हाड़तोपा, डोमजुड़ी, गोविंदपुर होते हुए जेम्को, प्रेमनगर स्थित वरिष्ठ नागरिक समिति में विश्राम होगा, जहां शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित होगा.
यात्रा के दौरान स्थानीय कलाकार देंगे अपनी प्रस्तुतियां
यात्रा जहां से भी गुज़रेगी, वहां के स्थानीय कलाकार झारखण्ड के विभिन्न ज़िलों से तथा देश के विभिन्न हिस्सों से आए कलाकारों व संस्कृतिकर्मियों से समक्ष अपनी प्रस्तुतियां देंगे. बाहर से कलाकार भी अपनी कला व संस्कृति का नमूना पेश करेंगे. 13 दिसंबर की सुबह यात्रा के सहभागी साकची स्थित बिरसा मुंडा के स्मारक के समीप सम्मान प्रकट कर यात्रा का यहां विधिवत समापन करेंगे. इस संबंध में इप्टा, जमशेदपुर की अर्पिता ने लोगों से इस सांस्कृतिक यात्रा से जुड़ने की अपील की है.
आज की प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से अहमद बद्र, शशि जी, अर्पिता, उपेन्द्र जी, डॉ. सुखचंद्र झा, मोहम्मद निज़ाम, छवि दास, रामचंद्र मार्डी समेत कई अन्य मौजूद थे.
शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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