यूनेस्को ने बंगाल की दुर्गा पूजा को उन सांस्कृति धरोहरों की सूची में जगह दी है।13 से 18 दिसंबर 2021 तक फ्रांस के पेरिस में आयोजित होने वाली अपनी अंतर सरकारी समिति के 16वें सत्र के दौरान कोलकाता की दुर्गा पूजा को यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत की प्रतिनिधि सूची में शामिल किया गया है
सैकड़ों सालों से है परंपरा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनेस्को की इस घोषणा पर खुशी जाहिर की है।मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि यह हर बंगाली के लिए गर्व का पल है।
पश्चिम बंगाल के साथ-साथ ही देश के कोने-कोने में हर साल दुर्गा पूजा धूमधाम से मनाई जाती है।दुर्गा पूजा के दौरान पूरा बंगाल एक अलग ही रंग में नजर आता है। बंगाल सरकार की ओर से हर साल दुर्गा पूजा पर कार्निवल का आयोजन किया जाता है।
प्रमुख घटनाओं को थीम आधारित सजावट
पूरे साल दुनिया भर में घटने वाली प्रमुख घटनाओं को पंडालों की सजावट और लाइटिंग के जरिए सजीव किया जाता है।इन आयोजनों के लिए महीनों पहले हीे तैयारियां शुरू हो जाती हैं। आयोजकों में एक-दूसरे को पछाड़ने की होड़ मची रहती है।
कोलकाता में कम से कम दो दर्जन पूजा समितियां ऐसी हैं जहां लोग घंटों कतार में खड़े रहते हैं। ऐसे पंडालों में रोजाना लाखों लोग जुटते हैं। हाल के कुछ वर्षों में थीम आधारित पूजा का प्रचलन बढ़ा है।
दुर्गा पूजा आयोजन के पीछे कुछ रोचक कहानियां
पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा आयोजित करने की शुरुआत को लेकर कई कहानियां हैं।कुछ इतिहासकारों का कहना है कि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा का आयोजन वर्ष 1757 के प्लासी के युद्ध के बाद शुरू हुआ था। कहा जाता है कि प्लासी के युद्ध में अंग्रेजों की जीत पर भगवान को धन्यवाद देने के लिए पहली बार दुर्गा पूजा का आयोजन हुआ था।प्लासी के युद्ध में बंगाल के शासक नवाब सिराजुद्दौला की हार हुई थी। युद्ध में जीत के बाद रॉबर्ट क्लाइव ईश्वर को धन्यवाद देना चाहता था। इसलिए उन्होंने दुर्गा पूजा का आयोजन किया।
दुनिया के छह देशों के उत्सवों को ही यूनेस्को से अंतरराष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मान्यता मिली
ममता सरकार ने बंगाल की विश्व प्रसिद्ध दुर्गा पूजा को अंतरराष्ट्रीय उत्सव की मान्यता देने के लिए यूनेस्को से आवेदन किया था। अब तक दुनिया के छह देशों के उत्सवों को ही यूनेस्को से अंतरराष्ट्रीय उत्सव के तौर पर मान्यता मिली है।यूनेस्को ने दुर्गापूजा को विरासत का दर्जा देते हुए कहा, “हम भारत और भारतीयों को बधाई देते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूनेस्को की इस घोषणा पर खुशी जाहिर की है।उन्होंने कहा कि यह हर देशवासी के लिए गर्व का पल है।
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