नोएडा में रविवार को ट्विन टावर को इसलिए जमींदोज कर दिया गया, क्योंकि बिल्डर ने कानून का उल्लंघन किया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर हुई इस कार्रवाई से सुपरटेक कंपनी को लगभग 500 करोड़ का झटका लगा है। यह अपने तरह का पहला मामला है जो न सिर्फ देश भर के बिल्डरों के लिए, बल्कि सोसाइटी में रहने वाले लोगों के लिए नजीर साबित होगी। लौहनगरी की बात करें तो कमोबेश हर अपार्टमेंट व सोसाइटी में बिल्डरों द्वारा नक्शा विचलन किया गया है। सोसाइटी के लोग कई बार विरोध करते हैं, लेकिन उनकी आवाज को बंद कर दिया जाता है। इसमें सरकारी कानून भी साथ देता है। अगर किसी बिल्डर 25 प्रतिशत तक नक्शा विचलन किया है तो जुर्माना देकर मुक्ति पा सकता है। यानि अपरोक्ष रूप से सरकारी नियम ही नक्शा विचलन को बढ़ावा दे रही है।
जमशेदपुर शहर को नागरिक सुविधाएं मुहैया कराना हो या भवन के लिए नक्शा बनाना हो, इसके मंजूरी के लिए नगर निकायों से अनुमति लेना आवश्यक है। लेकिन प्रशासन की लापरवाही कहें या मिलीभगत के कारण बिल्डर नक्शा विचलन कर भवन बना लेते हैं। इसका उदाहरण है जमशेदपुर के तीनों नगर निकायों में बनाए गए 200 से अधिक अवैध बिल्डिंग।
जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति में लगभग 150 भवन चिन्हित
हालांकि जब से उपायुक्त विजया जाधव जमशेदपुर आईं हैं, तब से अवैध निर्माण करने वालों पर गाज गिराने की कार्रवाई शुरू कर दी हैं। यही कारण है कि जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति में लगभग 150 भवनों को चिन्हित किया गया। जिस पर टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट व जमशेदपुर अक्षेस के पदाधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से कार्रवाई करते हुए नक्शा विचलन कर बनाए गए 150 भवनों में से 81 भवनों का पानी व बिजली का कनेक्शन काट दिया। जबकि 50 से अधिक भवन को सील कर दिया गया और एक दर्जन भवनों का अवैध निर्माण को ध्वस्त भी किया।
इसी तरह मानगो नगर निगम क्षेत्र में जब सर्वे कराया गया तो पाया गया कि 50 से अधिक भवन नक्शा विचलन कर बनाए गए हैं। इसमें से 12 भवन मालिकों को नोटिस दिया गया, जबकि तीन भवन को सील कर दिया गया। इसी तरह जुगसलाई नगर परिषद क्षेत्र में नक्शा विचलन कर बनाए गए छह भवनों में से पांच भवन को नोटिस देकर अवैध निर्माण को सील कर दिया गया। जमशेदपुर अक्षेस के विशेष पदाधिकारी संजय कुमार कहते हैं कि गलत काम करने वालों को किसी भी कीमत पर नहीं बख्शा जाएगा।
10 साल में तेजी से नक्शा विचलन कर बने अवैध बिल्डिंग
शहर के तीनों नगर निकायों में बीते 10 साल के अंदर तेजी से नक्शा विचलन कर भवन बनाए गए। अधिकतर भवन जी प्लस फोर का अनुमति लेकर पांचवी मंजिल तक नक्शा विचलन कर भवन बना लिए। जिससे बिल्डरों ने करोड़ों रुपये प्रशासन के नाक के नीचे कमा कर राजस्व को क्षति पहुंचाया। हालांकि नगर विकास विभाग नक्शा विचलन करने वालों पर कार्रवाई कर रिपोर्ट की मांग की जाती है। विभाग से आदेश जारी होते ही उपायुक्त व नगर निकाय कार्रवाई करते हैं। लेकिन कुछ दिन बीत जाने के बाद स्थिति सामान्य हो जाती है।
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