झारखंड के पूर्वी सिंहभूम समेत सभी जिलों के खेतों में पहली बार नैनो यूरिया का प्रयोग किया जायेगा |
अब तक खेतों में दानेदार (क्रिस्टल) यूरिया का इस्तेमाल होता था. इस बार लिक्विड यूरिया (नैनो यूरिया) का उपयोग कर न केवल उत्पादन में बढ़ोत्तरी की जायेगी, बल्कि जमीन की उर्वरा शक्ति कायम रहेगी. आपको बता दें कि उन्नत खेती के लिए बहरागोड़ा में बतौर ट्रॉयल ड्रोन से नैनो यूरिया के छिड़काव का प्रयोग स्प्रे के माध्यम से किया गया. अपने तरह का यह पहला प्रयोग है, जो न केवल सफल रहा, बल्कि बेहतर परिणाम भी हैं. इससे अच्छा उत्पादन हो रहा है |
लैंपस से मिलेगा नैनो यूरिया
पू्र्वी सिंहभूम जिले के पांच लैंपसों से नैनो यूरिया आम किसानों को मिल सकेगा, इसमें मुसाबनी प्रखंड के पश्चिम बदिया, व मुसाबनी लैंपस, घाटशिला प्रखंड में बाकी और घाटशिला लैंपस, पटमदा प्रखंड में गोबरघुसी लैंपस से प्राप्त कर सकेंगे |
220 रुपये लीटर मिलेगा
नैनो यूरिया 240 रुपये प्रति लीटर का बाजार मूल्य (एमआरपी) है, जबकि जिले के किसी भी किसान को 220 रुपये प्रति लीटर मिलेगा. एक लीटर नैनो यूरिया की क्षमता एक बोरा सामान्य यूरिया से ज्यादा प्रभावशाली होने का दावा विभाग ने किया है |
इफको कंपनी करेगी सप्लाई
झारखंड में नैनो यूरिया की आपूर्ति इफको कंपनी (को-ऑपरेटिव सोसाइटी) को दिया गया है. झारखंड सरकार ने खेत और फसल की गुणवत्ता बढ़ाने केउद्देश्य से इस तरह की नयी शुरुआत की है |
खेतों में पहली बार होगा नैनो यूरिया का इस्तेमाल
जिला सहकारिता पदाधिकारी विजय प्रताप तिर्की ने कहा कि पूर्वी सिंहभूम जिले के खेतों में पहली बार नैनो यूरिया का इस्तेमाल शुरू होगा. बहरागोड़ा में इसका ड्रोन से स्प्रै के माध्यम से छिड़काव का प्रयोग सफलतापूर्वक किया गया है |
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