
जब देश खाद्यान्न के लिए तड़प रहा था…
बोड़ाम के कांकीडीह गांव में कल, मंगलवार को देश के हरित क्रांति के जनक डॉ. एम, एस स्वामीनाथन को किसान सभा के सदस्यों ने याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में AIKS के जिला अध्यक्ष कॉमरेड लोटन दास कहा कि जब देश खाद्यान्न के लिए तड़प रहा था, आम जनता को राशन की दुकान में लंबी कतार में खड़े हो कर भी अन्न नहीं मिलता था, भारत अमरीका से आयात खाद्यान्न पर निर्भर था, भूखमरी से करोड़ों की जान गई थी, उस समय डॉ. स्वामीनाथन देश को उन्नत बीज, उन्नत खाद, उन्नत कृषि मशीनों की जानकारी दी। जिससे पंजाब में हरित क्रांति आई। इसके बाद पूरे देश में खेती की जो आज की प्रणाली चल रही है, वह शुरू हुई। डॉ. स्वामीनाथन की 98 साल की उम्र में चले जान देश का किसानों के लिए दु:खदायी है ।
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किसान सभा हमेशा स्वामीनाथन जी के दिखाए हुए किसानों का लाभकारी आय का विस्तार से रखे थे खेती की पूरे लागत +50 प्रतिशत सरकार को देना चाहिए उस सिद्धांत को नमन करता है ।

शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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