मामला वर्कर्स कॉलेज का, छात्रा के साथ हुआ फर्जीवाड़ा !
इन दिनों कॉलेजों में यूजी प्रथम सेमेस्टर में नामांकन की भीड़ हर महाविद्यालय में लगी हुई है इसी क्रम में कुछ छात्र नेताओं का पॉकेट गरम करने मौका मिल गया है इस क्रम में 10 अगस्त को अनु कुमारी (बदला हुआ नाम ) नामक छात्रा नामांकन फीस का चालान जमा करने वर्कर्स कॉलेज पहुंची थी, अनु लाइन में लगी हुई थी उसकी हल्दी तबियत खराब हो जाने के कारण वह लाइन से बाहर आकर बैठ गई, तभी अभाविप से जुड़े किसी कथित युवराज कुमार ने लड़की से यह कहते हुए फॉर्म ले लिया, कि काम वह करवा देगा और उसका चालान रसीद और 600 रुपए लिए और घर जाने को कहा.
जब काउंटर के कर्मचारी ने जांच की, तो…
उसके बाद लगातार अनु कुमारी ने युवराज को कॉल किया, लेकिन उसने कोई उत्तर नहीं दिया. उसके बाद लास्ट डेट 25 अगस्त को अनु कॉलेज आई और कॉलेज में युवराज मिला, तो उससे पूछा कि एडमिशन क्यों नहीं हुआ है तो उसने कहा कि रसीद में नाम गलत है. वह ठीक करवाना होगा. यह कहते हुए साइबर जाकर उस रसीद को फोटो शॉप के द्वारा एडिट करवा कर जमा कर दिया. उसके बाद जब काउंटर के कर्मचारी ने जांच की, तो पता चला ऑनलाइन नाम गलत है और छात्र नेता ने फर्जीवाड़ा करके जमा किया है और फोन कॉल की रिकॉर्डिंग के माध्यम से यह भी पता चला कि इस छात्र नेता ने पहले भी ऐसा फर्जीवाड़ा करके पेपर जमा किया है।
घटना में अनु कुमारी ने लिखित तौर पर अपना पक्ष रखा है
इस मामले पर आजसू छात्र संघ के वर्कर्स कॉलेज प्रभारी राजेश महतो ने कहा कि घटना में अनु कुमारी ने लिखित तौर पर अपना पक्ष रखा है और 600 रुपए में 300 रुपए वापस करने की बात कही है और बाकी पैसा मांगने पर फोन काट देना और इग्नोर की बात कही है। उससे भी बड़ी बात है की वर्कर्स कॉलेज में अभाविप के नेता के द्वारा सिर्फ दलाली और मार-पीट में लगे हुए हैं. 25 अगस्त से पहले कॉलेज में अभाविप के एक छात्र नेता के द्वारा एक फर्जी प्रमाण पत्र लेकर इंटरमीडिएट में नामांकन कराने का प्रयास किया गया था.
पहले भी किया गया है ऐसा फर्जीवाड़ा
इस मामले को भी एडमिशन सेल ने पकड़ा. उसके बाद उसी छात्र नेता ने फोन करके एक खड़गपुर की छात्रा को एडमिशन के लिए बुलाया. उसके मार्क-शीट में जिस कुलसचिव का हस्ताक्षर किया हुआ था, उस समय उसके कुलसचिव थे ही नहीं. मार्कशीट 2018 और एडमिट कार्ड में साल 2008 लिखा हुआ था, ऐसी ऐसी घटना पकड़ में आ रही है। अब छात्र हित से ज्यादा जेब हित में अभाविप काम कर रहा है और इन सभी की हौसलाअफजाई के लिए इनके बड़े नेताओं का आशीर्वाद मिलता रहता है। ऐसे लोगों पर कार्रवाई होनी चाहिए.
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शशांक शेखर विगत 30 वर्षों से पत्रकारिता, आकाशवाणी व सामाजिक कार्यों से जुड़े हुए हैं साथ ही लघु/फीचर फिल्मों व वृत्त चित्रों के लिए कथा-लेखन का कार्य भी विगत डेढ़ दशकों से कर रहे हैं. मशाल न्यूज़ में पिछले लगभग ढाई वर्षों से कार्यरत हैं.
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