प्रवर्तन निदेशालय प्रेम प्रकाश को फिर गिरफ्तार कर सकती है। यह गिरफ्तारी बहुत जल्द ही होगी। ईडी ने इसकी तैयारी कर ली है। प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी के लिए पीएमएलए कोर्ट में ईडी की ओर से प्रोडक्शन वारंट की गुजारिश भी की गयी है। वैसे प्रेम प्रकाश अभी जेल में ही बंद है। उसके ऊपर साहिबगंज में अवैध और मनी लांड्रिंग का मामला चल रहा है।
बताया जा रहा है कि अभी जेल में हालिया पूछताछ के बाद ईडी किसी दूसरे मामले में प्रेम प्रकाश की गिरफ्तारी करेगी। सत्ता के गलियारे में चर्चित रहे प्रेम प्रकाश उर्फ पीपी पर अब तक साहिबगंज में अवैध खनन और 1000 करोड़ की मनी लाउंड्रिंग का मामला ही चल रहा था। ईडी ने कोर्ट से अनुमति के बाद बीते तीन और चार अगस्त उससे जेल में भी पूछताछ की थी। इसी पूछताछ के दौरान कई अहम बातें सामने आयी हैं।
पूछताछ और जांच के बाद जो चीजें सामने आयी हैं, उसी आधार पर उसकी गिरफतारी होगी। जिसके लिए प्रोडक्शन वारंट के लिए अनुरोध किया गया है। ईडी न केवल अवैध खनन और मनी लांड्रिंग बल्कि रांची में जमीन की हेराफेरी का भी मास्टर माइंड प्रेम प्रकाश को मान रही है। इसी आधार पर कार्रवायी भी कर रही है।
एक सप्ताह पहले ईडी ने प्रेम प्रकाश से जेल में ही पूछताछ की थी। सूत्रों के मुताबिक ईडी ने यह पाया कि प्रेम प्रकाश का फर्जी डीड बनाकर जमीन बेचने वाले गिरोह के सदस्य अफसर अली समेत अन्य आरोपियों से प्रेम प्रकाश की पुरानी पहचान रही है। प्रेम प्रकाश को इस बात की जानकारी थी कि जमीन को बेचने के लिए फर्जी डीड तैयार की जाती है।
इसी फर्जी डीड के आधार पर जमीन का पावर देकर इसकी रजिस्ट्री प्रेम प्रकाश के सहयोगी पुनीत भार्गव के नाम पर की गई थी। पुनीत ने फिर इसी जमीन को दो अलग-अलग डीड के जरिए 1.80 करोड़ में विष्णु अग्रवाल को बेचा था। इसमें कमीशन के तौर पर 1.50 करोड़ रुपये प्रेम प्रकाश को मिले थे। ईडी ने जांच में पाया है कि जमीन की डील में प्रेम प्रकाश और विष्णु अग्रवाल लाभान्वित हुए थे।
प्रेम प्रकाश को झारखंड के सबसे बड़े पावर ब्रोकर के तौर जाना जाता है। आईएएस आईपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से लेकर कई ठेकों को मैनेज करने में प्रेम प्रकाश को बड़ा खिलाड़ी कहा जाता है। सत्ता के गलियारे में प्रेम प्रकाश का जाना-माना नाम है। चाहे बीजेपी की सरकार ही हो या झारखंड मुक्ति मोर्चा की सब में प्रेम प्रकाश की पैठ रही है। एक साधारण बैंक कर्मचारी से लेकर सत्ता के गलियारे तक पहुंचे प्रेम प्रकाश से जुड़ी कहानी भी काफी दिलचस्प है।
प्रेम प्रकाश मूल रूप से बिहार के सासाराम के फजलगंज का रहने वाला है। पिता के निधन के बाद उसे अनुकंपा पर बैंक में नौकरी मिली। एसबीआई राजभवन ब्रांच पटना में पोस्टिंग के दौरान वह नेताओं, अफसरों और कारोबारियों से संपर्क बनाया और वो ब्लैक मनी को व्हाइट करने लगा। कहा जाता है कि इसी दौरान बिहार के एक कद्दावर नेता का पैसा डूबने के बाद वो भागकर झारखंड आ गया। झारखंड में उसने मिड-डे मील के तहत अंडा आपूर्ति का काम लिया था।
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