शहरी नाले के मुहाने पर सुवर्णरेखा नदी किनारे 14 स्लुइस गेट बने हुए हैं। नदी का पानी बढ़ने पर स्लुइस गेट को बंद कर दिया जाता है, ताकि नदी का पानी नालों से होकर रिहायशी इलाकों में नहीं घुसे। शहरी क्षेत्र में नदी किनारे बने हुए हैं। भास्कर की पड़ताल में यह सामने आया कि जंग, रखरखाव की कमी और नालों के मुहाने पर कचरों का अंबार जमा होने से 14 में से 10 स्लुइस गेट काम नहीं कर रहे हैं। एेसे में अगर नदी में बाढ़ आती है तो नदी किनारे बसी बस्तियों और रिहाइशी इलाके में पानी भरना तय है।
इससे नदी किनारे बसी करीब 4 लाख की आबादी सीधे तौर पर प्रभावित होगी। गेट खुले रहने से नदी का पानी नालों के माध्यम से शहर के निचले इलाके में घुसने लगता है। चार दिन पहले ही इसी कारण बागबेड़ा कलॉनी में पानी भर गया था। सुवर्णरेखा परियाेजना ने कदमा, बिष्टुपुर, साेनारी, बागबेड़ा व आसपास के क्षेत्राें में खरकई नदी में आने वाली बाढ़ से हाेने वाले नुकसान से बचाव के लिए 139.55 कराेड़ रुपए का प्राक्कलन तैयार कर तीन साल पहले केंद्र सरकार काे स्वीकृति के लिए भेजा है, लेकिन यह अब तक लंबित है। परियाेजना ने बाढ़ नियंत्रण कार्य के लिए सेंट्रल वाटर कमीशन को प्रस्ताव भेजा है।
गेटों में कचरा, जंग और गंदगी
बागबेड़ा में शिव घाट
यहां तीनों स्लुइस गेट जाम हैं। जेनरेटर और पंप भी खराब है।
असर- बागबेड़ा नया बस्ती, सिदो-कान्हू बस्ती, बड़ौदा घाट, रिवरव्यू काॅलोनी, बाबा कुट्टी, शिवनगर, प्रधान टोला, आदि में पानी भरता है
कदमा शास्त्रीनगर
यहां स्लुइस गेट रूम पर लगा हुआ है ताला। नाला के पास गंदगी का अंबार जाम है, रखरखाव के अभाव में स्लुइस गेट बंद नहीं होता।
असर- शास्त्रीनगर के निचले भाग में बाढ़ का पानी घुसता है।
मरीन डाइव, बागे बस्ती
स्थिति- स्लुइस गेट के पास कचरा व गंदगी जमा है, गेट जाम है।
असर- बागे बस्ती के आस-पास पानी घुस जाता है।
मरीन ड्राइव, रूपनगर
स्थिति- यहां स्लुइस गेट पर ताला लगा है। गेट के पास कचरा जमा है।
असर- रूपनगर और अन्य बस्तियों में बाढ़ का पानी घुसता है
मरीन ड्राइव, कपाली बस्ती
स्थिति- स्लुइस गेट झाड़ी से घिर गया है। कचरा फैला है। जंग से गेट जाम है।
असर- कदमा कपाली बस्ती में बाढ़ का पानी घुसता है।
मानगो, शांति नगर
स्थिति- जंग से मशीन खराब है। गेट नहीं खुलता। कचरा भरा हुआ है।
असर- मानगो शांति नगर में नदी के बाढ़ का पानी घुसता है।
मानगो, कुंवर बस्ती
स्लुइस गेट रूम पर लगा हुआ है ताला। महीनों से रखरखाव नहीं हुआ।
असर- कुंवर बस्ती में बाढ़ का पानी भरने लगता है।
यहां स्थिति ठीक
- मरीन ड्राइव , ग्रीन पार्क कॉम्पलेक्स के पास
- कदमा केपीएस स्कूल के पास
- मरीन ड्राइव, निर्मलनगर
- कदमा रामजनमनगर
स्लुइस गेट से बाढ़ के पानी को नालों से होकर बस्तियों में घुसने से रोका जा सकता है, पर मानगो क्षेत्र के तीनों स्लुइस गेट खराब हैं। इस सबंध में स्वर्णरेखा परियोजना को पत्राचार किया गया है। -सुरेश यादव, विशेष पदाधिकारी। मानगो नगर निगम।
नदी किनारे बने स्लुइस गेट के नाले के मुहाने पर कचरा, गंदगी और प्लास्टिक का ढेर लगा है। इसकी नियमित सफाई जरूरी है। हम लोग स्लुइस गेटों की मरम्मत कराएंगे। -संजय कुमार, चीफ इंजीनियर, स्वर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना।
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