जेएनएसी के विशेष पदाधिकारी संजय कुमार ने बिष्टुपुर कांट्रैक्टर्स एरिया में इनर सर्किल रोड किनारे बने दो भवनों में 100 फीसदी नक्शा विचलन होने के बावजूद ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट (एनओसी) जारी कर दिया है। डीसी के आदेश पर संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी की अगुवाई में बनी उच्च स्तरीय जांच कमेटी को इस भवन में 100 प्रतिशत नक्शा विचलन मिला था।
डीसी ने जांच रिपोर्ट के आधार पर जेएनएसी को कार्रवाई करने का आदेश दिया था। जेएनएसी ने इस जांच रिपोर्ट को रद्दी मानते हुए कनीय अभियंता पवन कुमार ठाकुर के साइट विजिट रिपोर्ट के आधार पर ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया। इस भवन में आवासीय परिसर वाले हिस्से में एक बड़ा शोरूम खोल दिया गया है।
नक्शा विचलन पर डीसी ने जेएनएसी को कार्रवाई करने का आदेश दिया था
विशेष पदाधिकारी के आदेश पर जेई पवन कुमार ठाकुर ने सेन परिवार की बिल्डिंग का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट को आधार बनाते हुए 10 जनवरी 2023 को विशेष पदाधिकारी ने ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी कर दिया। जबकि झारखंड नगर पालिका अधिनियम 2011 में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि नक्शा का विचलन नहीं होने पर ही बिल्डिंग का ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी किया जा सकता है। तत्कालीन एडीएम एनके लाल ने कहा- बिल्डिंग में बड़े स्तर पर नक्शा का विचलन पाया गया था और कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए जांच रिपोर्ट डीसी को सौंपी थी। डीसी ने जेएनएसी को कार्रवाई करने का आदेश दिया था।
जमशेदपुर अक्षेस में चल रहा ऑक्यूपेंसी का खेल
ऑक्यूपेंसी सार्टिफिकेट नहीं होने से जुस्को कमांड एरिया के लोगों को बिजली पानी का कनेक्शन नहीं मिल रहा है। जेएनएसी ने दर्जनों भवनों के ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट लटका रखें हैं। ऐसे भवन मालिकों से जेएनएसी के अधिकारी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के बदले अपना हित साधने में लगे हैं। जेएनएसी की इस हरकत से कई लोग बहुत परेशान हैं।
उच्च स्तरीय जांच टीम को भवनों में शत प्रतिशत तक गड़बड़ी मिली
बिष्टुपुर-कदमा मेन रोड पर सरस्वती भट्टाचार्या और डॉ सव्यसाची सेन-सिद्धार्थ सेन ने भवन का निर्माण कराया है। दोनों भवन में नक्शा विचलन करने और आवासीय परिसर का व्यावसायिक उपयोग किए जाने की शिकायत मिलने पर डीसी ने तत्कालीन एडीएम नंदकिशोर लाल की अध्यक्षता में जांच टीम बनाई थी। टीम में टाटा स्टील लैंड डिपार्टमेंट के हेड अमित कुमार, भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता रंगलाल राम व जेएनएसी के कनीय अभियंता एमके प्रधान को शामिल किया गया था। जांच टीम ने दोनों भवनों की जांच में पाया- सव्यसाची सेन-सिद्धार्थ सेन ने फ्रंट व रियर 100-100 प्रतिशत, साइड-1 में 90 फीसदी और साइड-2 में 85 फीसदी नक्शा विचलन किया है। सरस्वती भट्टाचार्या के बिल्डिंग में रियर, साइड वन व साइड टू में 100 प्रतिशत नक्शा विचलन हुआ है।
पुराने एसओ ने नोटिस दिया था
सेन परिवार ने बेसमेंट, ग्राउंड प्लस फोर मंजिला अपार्टमेंट का निर्माण कराया है। पारित नक्शा में ग्राउंड फ्लोर व्यावसायिक मद में उपयोग किया जाना था, जबकि फर्स्ट फ्लोर व अन्य फ्लोर का उपयोग आवासीय मद में किया जाना है। लेकिन इस भवन में ग्राउंड फ्लोर के साथ ही फर्स्ट फ्लोर पर एक कपड़ा शोरूम चल रहा है। एडीएम की जांच रिपोर्ट पर डीसी ने जमशेदपुर अक्षेस के तत्कालीन विशेष पदाधिकारी कृष्णा कुमार को कार्रवाई करने का आदेश दिया था। कृष्णा कुमार ने दोनों भवन मालिकों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया था। लेकिन नोटिस का जवाब आने से पहले कृष्णा कुमार का तबादला हो गया और उनकी जगह संजय कुमार विशेष पदाधिकारी बनाए गए।
जय कुमार, विशेष पदाधिकारी- “हर काम ठोक कर करता हूं”
Q. जमशेदपुर अक्षेस कार्यालय से वैसे बिल्डिंग का भी नक्शा पारित किया जा रहा जिसे प्रशासन की जांच टीम ने 100 प्रतिशत नक्शा विचलन पाया था?
A. आप किस बिल्डिंग के ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के संबंध में बात कर रहे हैं, उस बारे में हम अभी नहीं बता सकते।
Q. ऐसे कौन लोग हैं, हमसे मिलें?
A. शहर में कई ऐसे लोग हैं जो अक्षेस कार्यालय का चक्कर लगा रहे और उनको ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी नहीं हो रहा है।
Q. गंभीर आरोप है कि आपके ऑफिस के कर्मचारी ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट जारी करने के लिए बिल्डर्स से मोटी रकम की वसूली करते हैं?
A. आरोप लगाने वालों के बारे में कुछ नहीं कहना है। मैं जो भी काम करता हूं, ‘ठोक कर’ करता हूं।
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