70 से 100 रैंक पाने वाले उम्मीदवारों को BDO पद के लिए चयनित किया जाता है। यही नहीं प्रत्येक प्रदेश में मौजूदा रिक्तियों और पदों के आधार पर कई अन्य ग्रेड A और B पदों पर भी स्टेट PCS एग्जाम के द्वारा नियुक्ति की जाती हैं। एसडीएम ज्योति मौर्य और उनके पति के बीच चल रहे पारिवारिक विवाद के बीच चर्चा में आए महोबा के होम गार्ड कमांडेंट मनीष दुबे (Commandant Manish Dubey) शुक्रवार को विभाग की मंडलीय बैठक में शामिल होने के लिए झांसी आए थे। हालांकि, इस दौरान उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी और प्रकरण से जुड़े किसी भी सवाल का जवाब देने से बचते रहे।
मीटिंग खत्म होने के बाद मीडिया कर्मियों ने उनसे ज्योति मौर्या प्रकरण से जुड़े सवाल पूछे, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया और कार में बैठकर निकल गये. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने खिलाफ चल रही जांच से जुड़े सवालों पर मनीष दुबे ने इतना जरूर कहा कि कोई उन पर दबाव न डाले.
चलिए आज हम आपको बताते हैं कि एसडीएम ज्योति मौर्य का पद बड़ा है या जिला कमांडेंट होमगार्ड मनीष दुबे का?
बता दें कि एसडीएम ज्योति मौर्य (SDM Jyoti Maurya) का पद बड़ा है। क्योंकि UPPCS में 1 से 20 रैंक पर एसडीएम का पद मिलता है। मनीष दुबे (Commandant Manish Dubey) का पद एसडीएम ज्योति मौर्य से छोटा है। बता दें कि होमगार्ड जिला कमांडेंट या डीएसपी का पद रैंक 20 से लेकर 70 के बीच मिलता है। हालांकि, इसके लिए आपको शारीरिक दक्षता परीक्षा भी पास करनी होती है। इसमें उम्मीदवार के सीने की लंबाई और चौड़ाई को मानक माना जाता है । जो उम्मीदवार इन सभी मापदंडों को सफलतापूर्वक पार करते हैं वही DSP या जिला कमांडेंट होमगार्ड के पद पर चुने जाते हैं।
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